Bihar Teachers: स्कूल बना नशे का ठिकाना! बिहार के शिक्षक पढ़ाने के बजाए पी रहे गांजा, शिक्षा विभाग ने ले लिया एक्शन
Bihar Teachers:सीतामढ़ी के केडीकेएन उच्च विद्यालय में प्रधानाध्यापक सुजीत तिवारी स्कूल परिसर में गांजा पीते हुए पकड़े गए। वीडियो वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग ने तुरंत निलंबित कर दिया।

Bihar Teachers: बिहार के सीतामढ़ी जिले के एक स्कूल में एक शिक्षक का गांजा पीते वीडियो वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। मामला खड़का, बोखड़ा स्थित केडीकेएन उच्च विद्यालय का है, जहां स्कूल के प्रधानाध्यापक सुजीत कुमार तिवारी को एक कमरे में गांजा पीते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।
वीडियो में देखा जा सकता है कि तिवारी के साथ दो बाहरी व्यक्ति भी मौजूद हैं, जो उनके साथ स्कूल परिसर के एक कमरे में बैठकर नशा कर रहे हैं। शिक्षा विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत निलंबन की कार्रवाई की है।
वायरल वीडियो से सामने आई सच्चाई, व्हाट्सएप से मिला सुराग
शिक्षा पदाधिकारी को यह वीडियो व्हाट्सएप के माध्यम से प्राप्त हुआ, जिसके बाद उन्होंने नियमों के तहत कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया। जारी पत्र में बताया गया कि यह हरकत शिक्षक नियमावली 2023 एवं 2024 के अनुशासनात्मक प्रावधानों का उल्लंघन है।जांच में यह स्पष्ट हो गया कि सुजीत कुमार तिवारी अपने पद का दुरुपयोग करते हुए विद्यालय के माहौल को दूषित कर रहे थे। उन्होंने अपने कर्तव्यों और एक शिक्षक की गरिमा को ठेस पहुंचाई।
तुरंत निलंबन, डुमरा कार्यालय में होगी हाजिरी
कार्रवाई के तहत सुजीत तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में उनका कार्यस्थल डुमरा प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी का कार्यालय तय किया गया है। उन्हें केवल जीवन निर्वाह भत्ता ही मिलेगा, वह भी हाजिरी दर्ज होने पर ही मान्य होगा।शिक्षा विभाग की तरफ से कहा गया है कि आने वाले समय में कारण बताओ नोटिस भी जारी किया जाएगा और पूरी जांच के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
क्या कहता है नियम और समाज?
शिक्षक समाज के लिए एक आदर्श होता है, और जब कोई शिक्षक इस तरह की हरकत करता है तो ना केवल वह संस्था बल्कि पूरे समुदाय का नैतिक पतन होता है। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करके विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाई जाएगी।इस घटना के बाद एक बार फिर यह चर्चा तेज हो गई है कि विद्यालयों में निगरानी और अनुशासन के लिए प्रभावी प्रणाली लागू की जानी चाहिए, ताकि इस प्रकार की घटनाएं दोहराई न जा सकें।