Karva Chauth 2024: करवा चौथ विवाहित हिंदू महिलाओं का एक महत्वपूर्ण व्रत है। जिसमें वे अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करती हैं। यह भारत के जम्मू, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान में मनाया जाने वाला पर्व है। यह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। यह पर्व सौभाग्यवती स्त्रियाँ मनाती हैं। करवा चौथ का व्रत पति-पत्नी के बीच के प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। महिलाएं अपने पति की खुशहाली और लंबी उम्र के लिए निस्वार्थ भाव से व्रत रखती हैं।
पति पत्नी के रिश्ते को मजबूत करता है करवा चौथ
करवा चौथ का व्रत पति के लंबी उम्र के लिए क्यों रखी जाती है? इससे जुड़ी कई धार्मिक मान्यताएं हैं। हिंदू धर्म में पति को भगवान शिव का रूप माना जाता है। इस व्रत के माध्यम से महिलाएं भगवान शिव और पार्वती की पूजा करती हैं और अपने पति के लिए आशीर्वाद मांगती हैं पति के लिए भगवान शिव से लंबी उम्र मांगती है। यह व्रत पति-पत्नी के बीच के बंधन को मजबूत करता है और परिवार में खुशहाली लाता है। करवा चौथ महिलाओं के सामाजिक जीवन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह उन्हें एक-दूसरे के साथ जुड़ने और सामाजिक समर्थन प्रदान करने का अवसर देता है।
क्यों पति की लंबी उम्र के लिए माना जाता है
मान्यता है कि देवी पार्वती ने भगवान शिव की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत रखा था। जिसके बाद से ही सभी महिलाएं करवा चौथ की व्रत रखती हैं और अपने पति की लंबी और स्वस्थ्य जीवन के लिए प्रार्थना करती है। महिलाएं मानती हैं कि इस व्रत को करने से उनके पति स्वस्थ और खुशहाल रहेंगे। यह व्रत सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता है जो पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाता है।
करवा का महत्व
दरअसल, "करवा" एक मिट्टी का घड़ा होता है, जो पति की लंबी उम्र का प्रतीक है। महिलाएं इस घड़े में पानी भरकर पूजा करती हैं। चंद्रमा को देवताओं का राजा माना जाता है। महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं। साथ ही करवा चौथ की कथा सुनना बहुत शुभ माना जाता है। यह कथा देवी पार्वती और भगवान शिव से संबंधित है। महिलाएं करवा चौथ के दिन सौभाग्य के प्रतीक के रूप में मेहंदी लगाती हैं और नए कपड़े पहनती हैं। करवा चौथ महिलाओं को एक-दूसरे के साथ जुड़ने और सामाजिक समर्थन प्रदान करने का अवसर देता है।