8th Pay Commission: 8वां वेतन आयोग के लागू होने से केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में होगा ऐतिहासिक बदलाव, जानें किसको कितनी मिलेगी तनख्वाह
8th Pay Commission: जानिए 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Pay Commission) की सिफारिशें, फिटमेंट फैक्टर और इससे केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में होने वाली संभावित बढ़ोतरी के बारे में।

8th Pay Commission: केन्द्रीय सरकार ने इस साल 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है और इसे 2027 तक लागू करने की संभावना जताई जा रही है। यह आयोग सातवें वेतन आयोग की जगह लेगा, जो जनवरी 2016 से लागू है। वेतन आयोग का मुख्य कार्य केंद्रीय कर्मचारियों की वेतन संरचना का विश्लेषण कर उसे समयानुसार अपडेट करना होता है।
इस आयोग की सिफारिशें केवल सैलरी तक ही सीमित नहीं रहतीं, बल्कि पेंशन और अन्य भत्तों पर भी असर डालती हैं। अब तक आयोग के चेयरमैन, सदस्य और टर्म्स ऑफ रेफरेंस की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि इनकी घोषणा अगले कुछ महीनों में हो जाएगी।
फिटमेंट फैक्टर क्या होता है और यह कैसे बदलता है सैलरी?
वेतन आयोग की सबसे अहम भूमिका होती है पे मैट्रिक्स (Pay Matrix) तैयार करना, जिसमें विभिन्न लेवल और सर्विस पीरियड के आधार पर वेतन तय किया जाता है। इसमें फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) की बड़ी भूमिका होती है जो सैलरी के बेसिक पे को बढ़ाकर अंतिम वेतन तय करता है।
सातवें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था, लेकिन माना जा रहा है कि आठवें आयोग में इसे बढ़ाकर 2.86 किया जा सकता है। इससे कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में भारी इजाफा होगा और डीए, एचआरए जैसे अन्य भत्ते भी बढ़ेंगे।
कौन से वेतन स्तर पर कितनी हो सकती है बढ़ोतरी?
अब बात करते हैं उन संभावित आंकड़ों की जो 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद देखने को मिल सकते हैं:
वेतन स्तरवर्तमान सैलरी (₹)अनुमानित सैलरी (₹)
पे लेवल-1₹18,000₹51,480
पे लेवल-2₹19,900₹56,914
पे लेवल-3₹21,700₹62,062
पे लेवल-6₹35,400₹1,01,244+
पे लेवल-10 (IAS/IPS)₹56,100₹1.6 लाख
यह आंकड़े फिटमेंट फैक्टर 2.86 के अनुमानित प्रभाव के आधार पर हैं। इसके साथ ही अन्य भत्तों में भी वृद्धि की संभावना है।
8वें वेतन आयोग से क्या होंगी प्रमुख अपेक्षाएं?
पेंशनरों के लिए राहत: नए वेतन आयोग की सिफारिशें न केवल वर्तमान कर्मचारियों बल्कि रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन को भी प्रभावित करेंगी।
भत्तों में संशोधन: HRA, TA, DA जैसे भत्तों की दरें बढ़ सकती हैं।
महंगाई को ध्यान में रखते हुए बदलाव: वर्तमान मुद्रास्फीति दर के अनुसार सैलरी संरचना को अपडेट किया जाएगा।
परफॉर्मेंस आधारित वेतन का विचार: ऐसी संभावना है कि कुछ हिस्सों में प्रदर्शन आधारित वेतन मॉडल अपनाया जाए।