बिस्किट और अन्य एफएमसीजी उत्पादों के लिए प्रसिद्ध ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज में आज एक बड़ा बदलाव आया। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) और कार्यकारी निदेशक रजनीत सिंह कोहली ने अपना इस्तीफा दे दिया है। कोहली 14 मार्च 2025 को ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज से अलविदा ले लेंगे। उन्होंने अपने इस्तीफे की वजह के तौर पर बाहरी अवसरों का लाभ उठाने का हवाला दिया है।
रजनीत सिंह कोहली ने ब्रिटानिया के सीईओ के रूप में 26 सितंबर 2022 को पदभार संभाला था। इससे पहले वह जुबिलेंट फूडवर्क्स, एशियन पेंट्स और कोका-कोला जैसी कंपनियों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके थे। ब्रिटानिया में उनके नेतृत्व में कंपनी ने कुछ महत्वपूर्ण निर्णय और कदम उठाए थे। अब, कोहली ने कंपनी को छोड़ने का फैसला किया है, जो कई लोगों के लिए चौंकाने वाला है।
कोहली ने इस्तीफे में लिखा कि वह नए अवसरों का लाभ उठाने के लिए कंपनी से विदाई ले रहे हैं। उनके इस्तीफे ने ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज के शेयर बाजार में हलचल मचा दी है, जिससे कंपनी के निवेशकों के बीच चिंता बढ़ गई है।
सीईओ के इस्तीफे की खबर के बाद ब्रिटानिया के शेयर में एक फीसदी तक की गिरावट देखी गई। 6 मार्च 2025 को बीएसई पर ब्रिटानिया का शेयर 4653.05 रुपये पर बंद हुआ, जबकि इसके 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 6,473.10 रुपये था, जो अक्टूबर 2024 में था। 4 मार्च 2025 को शेयर 4,506.50 रुपये के निचले स्तर तक पहुंच गया था, जो कि शेयर का 52 हफ्ते का न्यूनतम मूल्य था।
ब्रिटानिया के तिमाही नतीजे हालांकि उत्साहजनक थे। कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही के दौरान नेट प्रॉफिट में 5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की और यह ₹582 करोड़ तक पहुंच गया। एक साल पहले इसी तिमाही में कंपनी ने ₹556 करोड़ का प्रॉफिट दर्ज किया था।
कंपनी का मुख्य परिचालन से राजस्व भी बढ़कर ₹4,463 करोड़ हो गया, जो साल दर साल (YoY) 6.4 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। हालांकि, कंपनी का कुल खर्च भी 9 प्रतिशत बढ़कर ₹3,875 करोड़ हो गया, जो एक साल पहले ₹3,544 करोड़ था।
ब्रिटानिया के तिमाही नतीजों में सकारात्मक वृद्धि के बावजूद, रजनीत सिंह कोहली के इस्तीफे ने बाजार में अनिश्चितता पैदा कर दी है। निवेशक अब यह सवाल उठा रहे हैं कि कंपनी के भविष्य के दिशा में यह बदलाव किस तरह का प्रभाव डालेगा। रजनीत सिंह कोहली का नेतृत्व कंपनी के लिए एक मजबूत स्तंभ था, और उनके इस्तीफे के बाद अब यह देखना होगा कि ब्रिटानिया के नए नेतृत्व के तहत कंपनी कैसे अपनी रणनीतियों को आगे बढ़ाती है।