PATNA - बिहार में अपने स्टार्ट अप की तैयारी कर रहे युवाओं को अब फंड की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। उनकी वित्तीय सहायता के लिए बिहार के उद्योग विभाग ने सिडबी के साथ बड़ा समझौता किया है। इस समझौते के तहत युवाओं की वित्तीय सहायता के लिए सिडबी की मदद से 150 करोड़ का कारपस फंड इसी वर्ष जून में अस्तित्व में आ जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार 150 करोड़ रुपए के कारपस में 50 करोड़ रुपए राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। वहीं एक सौ करोड़ की व्यवस्था सिडबी अपने स्तर से कराएगा। बता दें कि किसी स्टार्ट अप इकाई द्वारा अगर 80 प्रतिशत तक का काम कर लिया जाता है तो उसे छह लाख रुपए की वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी जाती है।
महानगरों के निवेशकों पर नहीं रहेंगे निर्मर
बिहार जैसे पिछड़े राज्यों में स्टार्टअप में लगे युवाओं की समस्या अपने आगे के काम के लिए फंड व्यवस्था की रहती है। इस मामले में उनकी निर्भरता महानगरों में बैठे निवेशकों पर रहती है। इसे लेकर हमेशा संशय की स्थिति बनी रहती है कि मदद मिलेगी या नहीं। निवेशक भी वैसे चाहिए कि जिन्हें सेबी की मान्यता हो। इसे केंद्र में रख यह तय किया गया कि एक कारपस बनाकर स्टार्ट अप में आगे बढ़ रहे युवाओं को वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी जाए। जिसमें बिहार सरकार ने बड़ा कदम उठाया है।
900 स्टार्ट अप में 70 प्रतिशत ने काम शुरू किया
उद्योग विभाग के अनुसार बिहार में 900 स्टार्ट अप हैं। इनमें से 70 प्रतिशत ने अपना काम शुरू कर दिया है। वहीं 30 प्रतिशत स्टार्ट अर अभी आइडिएशन के स्तर पर हैं। सबसे अधिक स्टार्ट अप बिहार में एग्री सर्विसेस के क्षेत्र में हैं। कुल स्टार्ट अप का 11 प्रतिशत से अधिक इस क्षेत्र में हैं।
इसके बाद ई कामर्स व स्वास्थ्य के क्षेत्र की भी हिस्सेदारी भी 11 प्रतिशत है। हैंडीक्राफ्ट की हिस्सेदारी 9 प्रतिशत है। शेष सेक्टर की अलग-अलग हिस्सेदारी है। ईवी सेक्टर में भी स्टार्ट अप पर काम चल रहा। बिहार के युवा स्टार्टअप के जरिए देश भर में परचम लहरा सकते हैं।