पटना के स्थानीय सब्जी बाजार में आलू, प्याज और लहसुन की कीमतों में भारी उछाल आया है। जिससे आम लोगों की जेब पर बोझ बढ़ गया है। बाजार में आलू 35 रुपये और प्याज 60-70 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। वहीं, लहसुन की कीमत तो एक सप्ताह में ही 300 रुपये से बढ़कर 350-400 रुपये प्रति किलो हो गई है। कारोबारियों का कहना है कि आवक में कमी के कारण कीमतों में यह उछाल आया है। यूपी और महाराष्ट्र की मंडियों से आने वाले आलू-प्याज के उत्पादन में कमी के साथ-साथ माल भाड़े में बढ़ोतरी भी कीमतों को बढ़ाने का एक कारण है। लहसुन की कीमतों में इतना ज्यादा उछाल आने से लोग हैरान हैं।
बढ़ती कीमतों का सीधा असर आम लोगों की थाली पर पड़ रहा है। गृहणियां अब सब्जियों में प्याज की मात्रा कम कर रही हैं और लहसुन का इस्तेमाल भी कम कर रही हैं। इससे बिहारी व्यंजनों का स्वाद भी प्रभावित हो रहा है। लिट्टी-चोखा जैसे व्यंजन जो आम लोगों का प्रिय भोजन है, उसका स्वाद भी अब पहले जैसा नहीं रहा है। आलू-प्याज-लहसुन के अलावा आटा और तेल की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है। त्योहारी सीजन के कारण मांग बढ़ने से ये चीजें भी महंगी हो गई हैं। सरसों का तेल 165 रुपये प्रति लीटर और आटा 40-42 रुपये प्रति किलो बिक रहा है।
बढ़ती महंगाई से गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उन्हें अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। कई लोगों को तो अपनी खर्चों में कटौती करनी पड़ रही है। यह महंगाई की स्थिति अस्थायी हो सकती है। जैसे-जैसे उत्पादन बढ़ेगा और आपूर्ति श्रृंखला सुधरेगी, कीमतें भी सामान्य हो सकती हैं। हालांकि, फिलहाल लोगों को इस बढ़ती महंगाई से जूझना पड़ रहा है। लोग सरकार से इस बढ़ती महंगाई पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि सरकार आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करे और आम लोगों को राहत पहुंचाए