Gold-Silver Price: डॉलर कमजोर, तेल सस्ता, ट्रंप की चेतावनी और सोने की चमक! जानिए आपके शहर में क्या है आज का सोने-चांदी का भाव?

Gold-Silver Price: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रूस को चेतावनी, कमजोर रुपया और सस्ते क्रूड ऑयल के बीच सोने के दामों में तेज़ी। जानिए 30 जुलाई 2025 को आपके शहर में 22 और 24 कैरेट सोने का ताज़ा रेट और चांदी की कीमत।

Gold-Silver Price
सोने-चांदी का रेट- फोटो : social media

Gold-Silver Price: 2025 के मध्य में वैश्विक राजनीति और आर्थिक माहौल फिर से तनावपूर्ण मोड़ पर है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस को नई चेतावनी दी है, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है।

इसके साथ ही, डॉलर की तुलना में भारतीय रुपया कमजोर हो रहा है और क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है। ऐसे माहौल में निवेशक सुरक्षित विकल्प की तलाश में सोने की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे इसकी कीमतों में उछाल आया है।

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि जब भी वैश्विक अर्थव्यवस्था डगमगाने लगती है, तब सोना एक "सेफ हेवन" निवेश विकल्प बन जाता है। इस समय भी यही स्थिति बनती दिख रही है।

30 जुलाई 2025 को सोने और चांदी के दाम

बुधवार, 30 जुलाई 2025 को सोने के दामों में ₹600 की तेजी देखी गई है। वहीं चांदी की कीमत ₹1,15,900 प्रति किलो पर पहुंच गई है। देश के प्रमुख शहरों में सोने की कीमतें इस प्रकार हैं:

24 कैरेट सोने का रेट (प्रति 10 ग्राम):

दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद, पटना: ₹1,00,630

मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई, बेंगलुरू, कोलकाता: ₹1,00,480

22 कैरेट सोने का रेट (प्रति 10 ग्राम):

दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद, पटना: ₹92,250

मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई, बेंगलुरू, कोलकाता: ₹92,100

चांदी का रेट (प्रति किलो): ₹1,15,900 (सभी शहरों में लगभग समान)

सोने और चांदी की कीमतों को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक

सोने और चांदी की कीमतें केवल घरेलू मांग पर निर्भर नहीं करतीं, बल्कि इनमें अंतरराष्ट्रीय कारकों का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है:

वैश्विक राजनीतिक तनाव:रूस-यूक्रेन युद्ध पर डोनाल्ड ट्रंप की नई चेतावनी ने अनिश्चितता को बढ़ा दिया है।

डॉलर और रुपये का संबंध:जब डॉलर कमजोर होता है, तब सोना मजबूत होता है। वहीं, कमजोर रुपया आयात महंगा करता है, जिससे भारत में सोने की कीमत और बढ़ जाती है।

क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट:तेल सस्ता होने से वैश्विक बाजार में लागत घटती है, परंतु सोने की मांग बढ़ती है क्योंकि निवेशक इसे 'स्टेबल एसेट' मानते हैं।

फेडरल रिजर्व की संभावित ब्याज दर कटौती:फेडरल रिजर्व के गवर्नर क्रिस्टोफर वॉलर के बयान से संकेत मिलता है कि अमेरिका में ब्याज दरें घट सकती हैं, जिससे सोने की कीमतों को और समर्थन मिल सकता है।

भारत में सोने का महत्व

भारत में सोना सिर्फ धातु नहीं, बल्कि संस्कृति और सामाजिक प्रतिष्ठा का प्रतीक है। शादी, त्योहार और शुभ अवसरों पर सोने की खरीदारी एक परंपरा रही है। साथ ही, इसे महंगाई से बचाव और वित्तीय सुरक्षा के रूप में भी देखा जाता है।वित्तीय विश्लेषण दर्शाता है कि सोने ने लंबे समय में महंगाई को मात देते हुए उत्कृष्ट रिटर्न दिए हैं। यही वजह है कि चाहे शेयर बाजार हो या रियल एस्टेट—सोना हमेशा निवेशकों का भरोसेमंद विकल्प रहा है।