जीएसटी काउंसिल से बीमा प्रीमियम पर टैक्स राहत की उम्मीद, अहम बैठकें इस महीने और अगले महीने

भारतीय बीमा उद्योग को एक बड़ी राहत मिल सकती है, क्योंकि जीएसटी काउंसिल जल्द ही लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स में कटौती करने का फैसला ले सकती है। भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने इस प्रस्ताव पर अपनी सिफारिशें सरकार को भेज दी हैं, और अब अंतिम निर्णय की प्रक्रिया तेज हो गई है। वर्तमान में, लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर 18% जीएसटी लगता है, जिसे घटाने के लिए अब विभिन्न सुझावों पर विचार किया जा रहा है।
बीमा उद्योग के लिए यह बदलाव अत्यंत महत्वपूर्ण हो सकता है। सूत्रों के अनुसार, वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी छूट मिल सकती है। इसके अलावा, ₹5 लाख तक के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी को घटाकर 5% करने का एलान भी हो सकता है। सबसे अहम बात यह है कि टर्म लाइफ इंश्योरेंस पर जीएसटी को हटाने का प्रस्ताव भी विचाराधीन है।
हालांकि बीमा कंपनियां चाहती हैं कि जीएसटी को पूरी तरह से हटाने की बजाय एक ऐसी व्यवस्था बनाई जाए, जिससे वे इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ उठा सकें। यदि टर्म इंश्योरेंस पर जीएसटी पूरी तरह से हटाया जाता है, तो बीमा कंपनियों को ITC का फायदा नहीं मिलेगा, जिससे उनके ऑपरेशनल खर्च बढ़ सकते हैं। इन बढ़े हुए खर्चों का बोझ अंततः ग्राहकों पर पड़ेगा, जिससे बीमा महंगा हो सकता है।
भारत में बीमा कवरेज बहुत कम है, और बीमा पैठ (Insurance Penetration) केवल 3.7% है। ऐसे में, जीएसटी में कटौती से बीमा ज्यादा सुलभ और किफायती हो सकता है, जिससे बड़ी आबादी को बीमा के दायरे में लाने में मदद मिल सकती है।
अप्रैल में बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) की बैठक होगी, जिसके बाद मई में जीएसटी काउंसिल इस पर अंतिम फैसला ले सकती है। यदि केंद्र और राज्य सरकारें सहमति बनाती हैं, तो स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर टैक्स राहत मिलने की संभावना है, जो भारतीय बीमा उद्योग के लिए एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है।