TDS सीमा में बढ़ोतरी: टैक्स राहत से छोटे निवेशकों और किराएदारों को बड़ी राहत

वित्तीय वर्ष 2025 के लिए सरकार ने टैक्सपेयर्स को एक बड़ी राहत दी है, जिससे छोटे निवेशकों और आम लोगों को काफी फायदा होने की उम्मीद है। सरकार ने TDS (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) की सीमा को बढ़ाकर इसे और अधिक सरल और लचीला बना दिया है, जिससे अब कम आय वाले वर्गों पर टैक्स का बोझ कम होगा और उनकी नकदी प्रवाह की स्थिति में भी सुधार होगा।
सबसे बड़ा बदलाव रेंटल इनकम से जुड़ा है। पहले जहां रेंट से होने वाली इनकम पर ₹2.4 लाख तक TDS लागू होता था, अब इसे बढ़ाकर ₹6 लाख कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि अब तक जो किराएदार कम आय होने के बावजूद भी टैक्स का भुगतान करते थे, अब उन्हें इससे राहत मिलेगी। यह कदम किराएदारों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है, क्योंकि अब वे कम टैक्स के साथ अपने किराए की आय का पूरी तरह से उपयोग कर पाएंगे।
इसके साथ ही, वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी एक अहम बदलाव किया गया है। बैंक FD से ब्याज आय अर्जित करने वाले वरिष्ठ नागरिकों को पहले ₹50,000 तक की आय पर TDS छूट मिलती थी, लेकिन अब यह सीमा बढ़ाकर ₹1 लाख कर दी गई है। इस कदम से वरिष्ठ नागरिकों को अपनी पेंशन और ब्याज आय पर टैक्स का बोझ कम होने के साथ-साथ उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।
इसके अलावा, प्रोफेशनल सर्विसेज पर TDS की सीमा में भी बढ़ोतरी की गई है। अब प्रोफेशनल सर्विसेज पर TDS की सीमा ₹30,000 से बढ़कर ₹50,000 हो गई है, जो छोटे पेशेवरों और फ्रीलांसरों के लिए राहत का कारण बनेगी।
इन बदलावों से सरकार ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि वह आम लोगों और छोटे निवेशकों को राहत देने के लिए तत्पर है। इससे न केवल टैक्स का बोझ कम होगा, बल्कि नकदी प्रवाह में भी सुधार होगा, जो कि आर्थिक दृष्टिकोण से एक सकारात्मक कदम माना जा सकता है।