India GDP Growth: ग्लोबल आर्थिक मंदी के दौर में भारत की शानदार बढ़त! जानकर चीन समेत पाकिस्तान को लगेगी मिर्ची
India GDP Growth: भारत 2025 में 6.7% की आर्थिक वृद्धि दर के साथ वैश्विक संकटों से उभरते हुए चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। जानिए प्रमुख कारण और वैश्विक तुलना।

India GDP Growth: आज जहां अधिकांश विकसित और विकासशील देशों को भूराजनीतिक तनाव, टैरिफ वॉर और महंगाई जैसे आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ रहा है, भारत विपरीत दिशा में चलते हुए तेजी से प्रगति की ओर अग्रसर है।
पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देश जहां विदेशी कर्ज पर निर्भर होते जा रहे हैं और चीन भी टैरिफ वॉर की मार से उबरने के लिए संघर्षरत है, वहीं भारत ने आत्मनिर्भरता और वैश्विक सहयोग की रणनीति अपनाकर स्थायित्व और वृद्धि का नया मॉडल पेश किया है।
डेलॉयट साउथ एशिया के सीईओ रोमल शेट्टी के अनुसार, भारत हाल के वर्षों में वैश्विक संकटों से “सफलतापूर्वक उबरने वाला देश” साबित हुआ है। IMF का आकलन भी यही दर्शाता है कि भारत अभी भी दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है।
भारत की विकास दर और आर्थिक संभावनाएं
शेट्टी के अनुसार, 2024-25 में भारत की GDP वृद्धि दर 6.7% रहने का अनुमान है। यह दर सेवा क्षेत्र में जबरदस्त प्रदर्शन, कृषि उत्पादन में सुधार और घरेलू एवं विदेशी निवेश में वृद्धि जैसे कारकों की देन है।
भविष्य की संभावनाएं
2025 तक भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है, जापान को पीछे छोड़ते हुए।2035 तक GDP वृद्धि दर 7–8% तक बनी रह सकती है।डिजिटल इंडिया, PLI स्कीम और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट जैसे सरकारी कदमों से निवेशकों का भरोसा बढ़ा है।इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि भारत न केवल वर्तमान में तेज़ी से बढ़ रहा है, बल्कि दीर्घकालीन दृष्टिकोण से भी स्थायित्व की दिशा में अग्रसर है।
पाकिस्तान और चीन से तुलना भारत क्यों है आगे?
भारत की आर्थिक स्थिरता को और अधिक परिभाषित करने के लिए यह जानना जरूरी है कि पड़ोसी मुल्कों की स्थिति कितनी जटिल है।पाकिस्तान में महंगाई दर 30% के पार चली गई है।IMF से लोन के लिए भारी निर्भरता है। घरेलू मुद्रा की गिरावट।चीन अमेरिका के साथ टैरिफ वॉर का सामना कर रहा है।हाउसिंग मार्केट में संकट (Evergrande जैसी कंपनियों का पतन) देखने को मिल रहा है। धीमी GDP ग्रोथ हो गई है।भारत ने इन समस्याओं से खुद को अलग रखा है। यह संभव हुआ है बेहतर नीतियों, डिजिटल क्रांति, नवाचार, और भ्रष्टाचार नियंत्रण के चलते।
भारत-अमेरिका ट्रेड डील
भारत-अमेरिका के बीच के रिश्तों में पिछले कुछ वर्षों में अभूतपूर्व मजबूती आई है।रोमल शेट्टी के मुताबिक, दोनों देशों ने साझा हितों को समझते हुए समानता पर आधारित ट्रेड डील की दिशा में कदम बढ़ाए हैं।1 अगस्त को टैरिफ खत्म करने की डेडलाइन से पहले इस दिशा में गंभीर बातचीत जारी है।यदि ये टैरिफ हटाए जाते हैं, तो इससे टेक, फार्मा, रक्षा और स्टार्टअप सेक्टर में बड़ा व्यापारिक फायदा हो सकता है।
IMF और अन्य वैश्विक संस्थाओं की राय
भारत की GDP वृद्धि को सबसे संतुलित और व्यापक बताया गया है।उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में भारत को रोल मॉडल के रूप में देखा जा रहा है।विश्व बैंक और OECD Ease of Doing Business में सुधार करने पर जोर देखता है। वित्तीय समावेशन और डिजिटल पेमेंट को सराहा गया। ये मान्यताएं बताती हैं कि भारत वैश्विक मंच पर अब केवल एक “उभरती शक्ति” नहीं बल्कि स्थिरता और लचीलापन का प्रतीक बन चुका है।