US Tariff On India: अमेरिका के टैरिफ से संकट ने तोड़ी भारत की झींगा उद्योग की कमर! इस राज्य के किसान सबसे ज्यादा प्रभावित, काम धंधा बदलने को हुए मजबूर
US Tariff On India: अमेरिका के 50% टैरिफ से भारत का झींगा उद्योग संकट में है। आंध्र प्रदेश के लाखों किसान नुकसान झेल रहे हैं और निर्यातकों पर दबाव बढ़ रहा है। जानिए पूरी स्थिति।

US Tariff On India: भारत का सीफूड निर्यात वैश्विक स्तर पर मजबूत रहा है। पिछले साल भारत ने दुनियाभर में लगभग 7.4 अरब डॉलर का सीफूड निर्यात किया, जिसमें से 40% हिस्सा झींगा (श्रिम्प) का था।अमेरिका, भारत के झींगा निर्यात का सबसे बड़ा बाजार है। वॉलमार्ट और क्रोगर जैसी अमेरिकी सुपरमार्केट चेन भारतीय झींगा की प्रमुख खरीदार हैं। लेकिन, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों ने इस उद्योग के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है।
अमेरिकी टैरिफ और भारत की मुश्किलें
अमेरिका ने भारत से झींगा आयात पर पहले से ही 25% टैरिफ लगाया हुआ है, और अब रूस से तेल खरीदने की वजह से भारत पर अतिरिक्त 25% टैरिफ और लगाने की घोषणा की गई है। इसका मतलब है कि भारतीय झींगा पर कुल 50% टैक्स लगेगा।दूसरी ओर, भारत के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी इक्वाडोर पर केवल 15% टैरिफ है। इससे अमेरिकी बाजार में भारतीय झींगा की प्रतिस्पर्धा काफी कमज़ोर हो गई है और इक्वाडोर को सीधा फायदा मिल रहा है।
आंध्र प्रदेश के किसानों की हालत
भारत के दक्षिणी तटीय राज्य आंध्र प्रदेश झींगा उत्पादन और निर्यात का सबसे बड़ा केंद्र है। यहाँ करीब 3 लाख किसान झींगा पालन में लगे हुए हैं।किसान खारे पानी के तालाबों में लाखों रुपये लगाकर उच्च क्वालिटी का झींगा पैदा करते हैं, लेकिन टैरिफ के बाद निर्यातकों ने किसानों से खरीद की कीमतों में लगभग 20% की कटौती कर दी है।इससे किसानों का पूरा मुनाफा खत्म हो गया और कई किसान अब वैकल्पिक काम जैसे मछली पालन की तरफ रुख करने पर मजबूर हैं।वीरावासराम गांव के वी. श्रीनिवास जैसे किसान अपनी जमीन तक गिरवी रख चुके हैं और करीब 40 लाख रुपये के कर्ज में दबे हुए हैं। उन्हें डर है कि मौजूदा दामों पर खेती करने से न तो मुनाफा होगा और न ही कर्ज चुकाया जा सकेगा।
निर्यातकों और बाजार की स्थिति
सीफूड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रमुख पवन कुमार के अनुसार अमेरिकी ग्राहकों से ऑर्डर हाल के हफ्तों में लगभग बंद हो गए हैं।खरीदार इतने भारी टैरिफ को सहन करने को तैयार नहीं हैं।निर्यातकों के पास किसानों को भुगतान घटाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।भारत अन्य देशों जैसे चीन, जापान और ब्रिटेन को भी झींगा बेचता है, लेकिन अमेरिकी बाजार जितना बड़ा और फायदेमंद कोई और नहीं है। इसीलिए नए बाजारों में विस्तार करना आसान नहीं है और इसमें समय लगेगा।
इक्वाडोर की नजर और वैश्विक असर
इक्वाडोर इस स्थिति को अपने लिए अवसर मान रहा है। वह अमेरिका को झींगा निर्यात में भारत की जगह लेने की तैयारी कर रहा है। हालांकि, इक्वाडोर के किसान बड़े निवेश से फिलहाल बच रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि भारत और अमेरिका के बीच किसी भी समय नया समझौता हो सकता है।यह पूरा मामला दिखाता है कि ट्रंप की टैरिफ नीतियां न सिर्फ अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया के ग्लोबल ट्रेड सिस्टम में व्यवधान पैदा कर रही हैं।