विदेश में पढ़ाई के लिए भेजे गए पैसों पर टैक्स राहत: TCS लिमिट बढ़ी, छात्रों को मिली बड़ी राहत

विदेशी शिक्षा के सपने देखने वाले भारतीय छात्रों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। अब तक, विदेश में पढ़ाई के लिए पैसे भेजने पर टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स (TCS) की सीमा ₹7 लाख तक थी, लेकिन सरकार ने इसे बढ़ाकर ₹10 लाख कर दिया है। इस बदलाव से छात्रों और उनके परिवारों को राहत मिलने के साथ-साथ शिक्षा क्षेत्र में भी नया बदलाव देखने को मिल सकता है।
पहले, जब परिवार विदेश में पढ़ाई करने वाले छात्रों को ₹7 लाख से अधिक की राशि भेजते थे, तो उस पर 0.5% से 5% तक का TCS कट जाता था। इससे न केवल पैसा भेजने की प्रक्रिया जटिल हो जाती थी, बल्कि कई बार यह छात्रों और उनके परिवारों के लिए वित्तीय बोझ भी बन जाता था। अब इस लिमिट को बढ़ाकर ₹10 लाख कर दिया गया है, जिससे अधिक राशि को बिना किसी टैक्स कटौती के आसानी से भेजा जा सकेगा।
इसके साथ ही, सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर विदेश में पढ़ाई के लिए भेजी गई राशि किसी वित्तीय संस्थान जैसे बैंक से लोन के रूप में ली गई हो, तो उस पर TCS लागू नहीं होगा। यह कदम छात्रों को लोन के रूप में मिली राशि पर अतिरिक्त टैक्स बोझ से बचने में मदद करेगा।
इस बदलाव का असर छात्रों और उनके परिवारों पर सीधा पड़ेगा। पहले जहां TCS के कारण पैसे भेजने की प्रक्रिया थोडी और जटिल हो जाती थी, अब वे बिना किसी अतिरिक्त टैक्स कटौती के ₹10 लाख तक की राशि विदेश भेज पाएंगे। यह कदम न केवल छात्रों के लिए, बल्कि उनके परिवारों के लिए भी राहत का कारण बनेगा, जो विदेश में शिक्षा प्राप्त करने के लिए भारी वित्तीय दबाव में होते थे।
इस फैसले से सरकार ने यह संदेश दिया है कि वह विदेश में शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों के लिए और अधिक सुलभ और सशक्त व्यवस्था सुनिश्चित करना चाहती है।