Aadhaar Card: सरकार का बड़ा कदम! अब तक 1.17 करोड़ से ज्यादा लोगों के आधार कार्ड को किया गया बंद, जानें क्यों लिया ऐसा फैसला?
Aadhaar Card: UIDAI ने 1.17 करोड़ से अधिक आधार नंबरों को डीएक्टिवेट किया है। जानिए इसके पीछे का कारण, प्रक्रिया और नागरिकों पर इसका क्या असर पड़ता है।

Aadhaar Card:भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने 1.17 करोड़ से अधिक आधार नंबरों को डीएक्टिवेट कर दिया है। यह फैसला इसलिए लिया गया ताकि जिन व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है, उनके आधार नंबर का दुरुपयोग न हो।
आज के डिजिटल युग में आधार कार्ड का महत्व काफी बढ़ गया है। बैंकिंग, सरकारी योजनाओं और मोबाइल कनेक्शन जैसे कई काम आधार नंबर पर निर्भर करते हैं। ऐसे में यदि मृतक के आधार नंबर का गलत इस्तेमाल होता है, तो इससे आर्थिक और कानूनी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।UIDAI का यह कदम डेटा सुरक्षा और नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
Reporting of Death of a Family Member: यह नई सुविधा क्या है?
UIDAI ने 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ‘Reporting of Death of a Family Member’ नामक सेवा शुरू की है।
इस सेवा के मुख्य बिंदु:
कहां उपलब्ध: myAadhaar पोर्टल पर
किसे जानकारी देनी होगी: मृतक के परिवार के किसी सदस्य को
कौन-से दस्तावेज़ जरूरी:
मृतक का आधार नंबर
डेथ रजिस्ट्रेशन नंबर
परिवारिक संबंध का प्रमाण
उपयोगकर्ता की तरफ से दी गई जानकारी को पहले वेरिफाई किया जाएगा। वेरिफिकेशन के बाद ही आधार नंबर को डीएक्टिवेट किया जाएगा।यह पूरी प्रक्रिया UIDAI की पारदर्शिता और सटीकता बनाए रखने के लिए है।
UIDAI और राज्य सरकारों के बीच समन्वय
UIDAI ने इस अभियान में राज्य सरकारों की भी मदद ली है। रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (RGI) और सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (CRS) के माध्यम से डेथ रिकॉर्ड्स एकत्र किए गए हैं।
कुल प्राप्त रिकॉर्ड: लगभग 1.55 करोड़
डीएक्टिवेट किए गए आधार नंबर: लगभग 1.17 करोड़
प्रक्रिया में जारी: लगभग 6.7 लाख रिकॉर्ड्स पर वेरिफिकेशन जारी है।
इसके अलावा, पायलट प्रोजेक्ट के तहत 100 साल से अधिक उम्र के आधार होल्डर्स की जानकारी राज्य सरकारों के साथ साझा की जा रही है, ताकि उनकी जीवित स्थिति की पुष्टि की जा सके।
आधार नंबर डीएक्टिवेट करने का तरीका
अगर आपके परिवार में किसी सदस्य की मृत्यु हो चुकी है तो आप नीचे दिए गए तरीके से आधार नंबर को डीएक्टिवेट कर सकते हैं:
myAadhaar पोर्टल पर जाएं।
‘Reporting of Death of a Family Member’ सेक्शन में जाएं।
मृतक का आधार नंबर और डेथ रजिस्ट्रेशन नंबर दर्ज करें।
परिवारिक संबंध का प्रमाण अपलोड करें।
UIDAI की तरफ से वेरिफिकेशन के बाद प्रक्रिया पूरी होगी।इस प्रक्रिया में लगभग 15-30 दिनों का समय लग सकता है, क्योंकि सभी विवरणों की जांच जरूरी होती है।
नागरिकों के लिए फायदे और जरूरी सुझाव
आधार नंबर डीएक्टिवेशन से जुड़े इस कदम के नागरिकों के लिए कई फायदे हैं:
डेटा सुरक्षा: मृतक के नाम पर होने वाले किसी भी फ्रॉड से बचाव।
पारदर्शिता: सरकारी रिकॉर्ड्स में सटीकता बनी रहती है।
आर्थिक सुरक्षा: बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थाओं में गलत लेन-देन की संभावना कम होती है।
जरूरी सुझाव: मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त होते ही UIDAI को सूचना दें।सभी दस्तावेजों को सुरक्षित रखें और अपलोड करते समय सही जानकारी भरें।यदि आपके परिवार में कोई सदस्य 100 वर्ष से अधिक उम्र के हैं, तो उनकी जानकारी अपडेट कराएं।