UPI Payment: UPI में अब तक का सबसे बड़ा बदलाव, अब पेमेंट करने के लिए PIN की जरुरत नहीं, जानिए कैसे होगा लेन-देन

UPI Payment: भारत में डिजिटल लेन-देन में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब PIN के बजाय बायोमेट्रिक पहचान पर आधारित पर आप लेन-देन कर सकते हैं। यह पहल न केवल भुगतान को सरल बनाएगी, बल्कि सुरक्षा और समावेशिता दोनों को भी बढ़ावा देगी।

UPI payment
UPI payment biggest change- फोटो : social media

UPI Payment: UPI में अब तक का सबसे बड़ा बदलाव होने जा रहा है। 1 अगस्त से ये नियम लागू होंगे। अब पेमेंट करने के लिए UPI PIN की  आवश्कता नहीं होगी। दरअसल, भारत डिजिटल पेमेंट्स के क्षेत्र में एक और बड़ी क्रांति की ओर बढ़ रहा है। अब बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन से पेमेंट करना होगा। 

UPL के लिए PIN  की आवश्कता नहीं

बता दें कि, जल्द ही UPI ट्रांजैक्शन के लिए PIN की आवश्यकता समाप्त हो सकती है और उसकी जगह बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन जैसे फिंगरप्रिंट, फेस आईडी या आइरिस स्कैन से पेमेंट को मंजूरी दी जाएगी। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) इस तकनीक पर काम कर रहा है, जिसे भविष्य में आम यूजर्स के लिए लॉन्च किया जा सकता है।

कैसे काम करेगा बायोमेट्रिक पेमेंट सिस्टम?

बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, इस नई प्रणाली में QR कोड स्कैन करने के बाद यूजर को PIN डालने की बजाय बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन का विकल्प मिलेगा। यूजर अपनी उंगली का निशान, चेहरे की पहचान या आंख की स्कैनिंग के जरिए ट्रांजैक्शन को कन्फर्म करेगा। पेमेंट आधार और NPCI के लिंक से सुरक्षित और तेज़ तरीके से पूरा होगा। यह फीचर उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा जिन्हें PIN याद रखना मुश्किल होता है या जिनकी डिजिटल साक्षरता सीमित है।

बायोमेट्रिक सिस्टम से सुरक्षित रहेंगे ट्रांजैक्शन

नई प्रणाली को लेकर सुरक्षा के दृष्टिकोण से इसे अधिक सुरक्षित माना जा रहा है। बायोमेट्रिक डेटा (जैसे फिंगरप्रिंट और फेस डिटेल्स) हर व्यक्ति का यूनिक होता है, जिससे धोखाधड़ी की संभावनाएं बेहद कम हो जाती हैं। सभी डेटा को एन्क्रिप्टेड फॉर्म में स्टोर किया जाएगा और बिना यूजर की अनुमति के कोई भी इसे एक्सेस नहीं कर सकेगा। हालांकि, साइबर विशेषज्ञ यह सुझाव दे रहे हैं कि डेटा लीकेज के खतरे को लेकर सतर्कता जरूरी है। सरकार और NPCI इस दिशा में सुरक्षा उपायों को मजबूत करने में जुटे हैं।

कम पढ़े-लिखे और बुजुर्गों के लिए बड़ी राहत

यह प्रणाली खास तौर पर उन यूजर्स के लिए संजीवनी साबित हो सकती है जो तकनीकी जानकारी के अभाव में डिजिटल पेमेंट से दूर हैं। गांवों, कस्बों और लोकल बाजारों में यह सुविधा डिजिटल पेमेंट्स की पहुंच को विस्तार दे सकती है। बुजुर्ग और अनपढ़ नागरिक केवल अंगूठा लगाकर या कैमरे की ओर देखकर पेमेंट कर सकेंगे। इससे डिजिटल इंडिया की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है।

फिलहाल परीक्षण के चरण में

NPCI ने अभी इस प्रणाली को लेकर आधिकारिक तारीख की घोषणा नहीं की है लेकिन इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कुछ क्षेत्रों में लागू किए जाने की संभावना जताई जा रही है। यदि सफल रहा तो आने वाले महीनों में देशभर में यह सुविधा व्यापक रूप से शुरू की जा सकती है।