BED New Rule:बीएड-डीएलएड के लिए नया नियम जारी, सरकार ने लगाई इस पर पाबंदी, सख़्त हुक्म जारी

BED New Rule:बीएड-डीएलएड के लिए नया नियम जारी, सरकार ने लगाई

BED New Rule:भारतीय शिक्षा नीति में बड़ा बदलाव आया है  बीएड और डीएलएड करने वाले छात्रों के लिए नई गाइडलाइंस जारी कर दी गई हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि अब छात्रों को एक साथ दोहरी डिग्री करने की इजाज़त नहीं होगी; यानी बीएड और डीएलएड एक साथ करना अब मुमकिन नहीं। यह कदम पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ाने और प्रोफेशनल दक्षता में इजाफ़ा लाने के मक़सद से लिया गया है।

नए नियमों के मुताबिक़ सबसे अहम बिंदु यह है कि दोहरी डिग्री पर पूरी तरह रोक लगाई गई है क्योंकि विभाग का कहना है कि दो कोर्स एक साथ करने से छात्र की फोकसियत कमजोर होती थी और पढ़ाई पर नकारात्मक असर पड़ता था। अब हर छात्र को अपने चुने हुए पाठ्यक्रम पर पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ मेहनत करनी होगी  ताकि उस्ताद  बनने की कसौटी पर खरा उतर सके।

एक और महत्वपूर्ण प्रावधान यह है कि बीएड-डीएलएड दोनों कोर्सों के लिए छह महीनों की अनिवार्य इंटर्नशिप लागू की गई है और यह इंटर्नशिप केवल NCTE से मान्यता प्राप्त स्कूलों/संस्थानों में ही की जा सकेगी। यानी जिस संस्थान की मान्यता न हो, वहाँ की पढ़ाई औपचारिक तौर पर मान्य नहीं मानी जाएगी — फर्जी या अनाधिकृत संस्थानों में कराई गई पढ़ाई को अवैध माना जाएगा।

सरकार ने यह भी रेखांकित किया कि पूरा कोर्स ऑनलाइन नहीं चलाया जाएगा। केवल कुछ थ्योरिटिकल मॉड्यूल को ही ई-लर्निंग के ज़रिये पढ़ाया जा सकेगा; प्रैक्टिकल और इंटर्नशिप के लिए छात्रों का संस्थान में व्यक्तिगत आना अनिवार्य होगा। इसलिए दाखिला लेने से पहले छात्रों को संस्थान की NCTE मान्यता, फीस संरचना और इंटर्नशिप के अक्स–अहक़ीक़ा (प्रावधान) को बारीकी से चेक करना होगा।

नया फ़रमान छात्रों की गुणवत्ता-बेहतर बनाने, शिक्षण के मानक ऊँचे करने और बाज़ार में फ़र्ज़ी डिग्रियों की हिमायत रोकने के लिए है। शिक्षा विभाग का मानना है कि ये बदलाव मंत्रीय नीति का हिस्सा हैं ताकि स्कूलों में पढ़ाने वाले अध्यापकों की दक्षता में बेहतरी आए और मास्टर-ट्रेन्ड टीचिंग को तवज्जो मिले।

नतीजा यह हुआ कि भविष्य के टीचर-प्रशिक्षण में पारदर्शिता और मानक क़ायम होंगे  जो छात्रों के लिये खुशी की बात है, मगर दाखिला लेने वालों को अब ज़्यादा सतर्क और जानकारीपूर्ण होना पड़ेगा।