UGC NET New Rules 2025: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने असिस्टेंट प्रोफेसर पद की भर्ती के लिए नए नियमों का प्रस्ताव पेश किया है। ये बदलाव भारतीय उच्च शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। नए प्रस्ताव के तहत, National Eligibility Test (NET) की अनिवार्यता को समाप्त करने की सिफारिश की गई है। इसके साथ ही मास्टर्स डिग्री और अन्य योग्यता धारकों के लिए शिक्षण क्षेत्र में नए अवसर खुलेंगे।
NET की अनिवार्यता समाप्त
UGC के प्रस्तावित बदलावों के मुताबिक, अब NET परीक्षा को अनिवार्य शर्त से हटा दिया गया है। हालांकि, NET एक वैकल्पिक योग्यता के रूप में मान्य रहेगा। यह कदम उन उम्मीदवारों के लिए राहत लेकर आया है, जो NET की बाधाओं के चलते शिक्षण क्षेत्र में कदम नहीं रख पा रहे थे। UGC के इन प्रस्तावित बदलावों को 2025 से लागू करने की योजना है। यह कदम भारत की शिक्षा प्रणाली को अधिक समावेशी, लचीला और नवाचारपूर्ण बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।
नई योग्यताएं और अवसर
ME/MTech में 55% अंकों के साथ स्नातकोत्तर डिग्री वाले उम्मीदवार सीधे असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के पात्र होंगे।
PhD धारक, जिन्होंने स्नातक में 75% और स्नातकोत्तर में 55% अंक हासिल किए हैं, भी योग्य माने जाएंगे।
NET, SLET/SET पास करने वाले उम्मीदवार भी पात्र रहेंगे।
अन्य क्षेत्रों के पेशेवरों जैसे उद्योग, सार्वजनिक प्रशासन, और अनुसंधान क्षेत्र के विशेषज्ञ अब शिक्षण में योगदान दे सकेंगे।
कुलपति पद के लिए नई योग्यता
UGC ने कुलपति पद के लिए भी मानदंड बदलने की सिफारिश की है। अब 10 साल का वरिष्ठ अनुभव रखने वाले उद्योग, प्रशासन, या सार्वजनिक नीति के पेशेवर भी इस पद के लिए पात्र होंगे। चयन समिति तीन सदस्यीय होगी, जिसमें विजिटर या चांसलर, UGC, और विश्वविद्यालय के शीर्ष निकाय का प्रतिनिधि शामिल होगा।
अनुसंधान और प्रकाशन पर जोर
नए नियमों के तहत, असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए आवेदन करने वालों को कम से कम 8 शोध पत्र प्रतिष्ठित जर्नल्स में प्रकाशित करने होंगे। इसके अलावा, पुस्तक अध्याय, पूर्ण पुस्तक, सह-लेखक पुस्तकें, या 8 पेटेंट भी वैकल्पिक योग्यता के रूप में मान्य होंगे।
भारतीय भाषाओं को बढ़ावा
UGC ने मातृभाषा में शिक्षण और प्रकाशन को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के लक्ष्यों के अनुरूप है, जो भारतीय भाषाओं में शिक्षा को प्रोत्साहित करने पर जोर देती है।
प्रमोशन में नवाचार पर ध्यान
शिक्षण में नवाचार, परामर्श के लिए फंडिंग प्राप्त करना, और शिक्षण प्रयोगशालाओं का विकास अब प्रमोशन के लिए महत्वपूर्ण मानदंड होंगे।
फीडबैक की प्रक्रिया
UGC ने इन प्रस्तावित नियमों पर सभी हितधारकों से फीडबैक मांगा है। फीडबैक देने की अंतिम तिथि 5 फरवरी, 2025 है।
इन बदलावों के प्रभाव
शिक्षा क्षेत्र में विविधता: अन्य पेशेवर क्षेत्रों से विशेषज्ञों को जोड़ने से नए विचारों का समावेश होगा।
युवा प्रतिभाओं को मौका: NET की अनिवार्यता हटने से अधिक युवा उम्मीदवारों को अवसर मिलेगा।
अनुसंधान में सुधार: शोध और प्रकाशन पर जोर देने से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
भारतीय भाषाओं का संरक्षण: स्थानीय भाषाओं में शिक्षण से भारतीय ज्ञान परंपरा को बढ़ावा मिलेगा।