Wedding Ceremony Fight: डीजे पर डांस का 'तांडव', शादी में 'नागिन डांस' नहीं, सीधा 'मारपीट का युद्ध'! 'अतिथि देवो भव' नहीं, 'अतिथि दैत्यो भव' की कहानी जान लीजिए...
Wedding Ceremony Fight: अगर आप सोच रहे थे कि भारतीय शादियां सिर्फ नाच-गाने और खाने-पीने का बहाना होती हैं, तो जरा रुकिए!....

Wedding Ceremony Fight: अगर आप सोच रहे थे कि भारतीय शादियां सिर्फ नाच-गाने और खाने-पीने का बहाना होती हैं, तो जरा रुकिए! बुलंदशहर में एक शादी समारोह ने साबित कर दिया कि 'नागिन डांस' से भी खतरनाक 'मारपीट का तांडव' हो सकता है। डीजे पर डांस करने को लेकर वर-वधू पक्ष के बीच ऐसी 'तू-तू, मैं-मैं' हुई कि बात लात-घूंसे और तमंचे की बटों तक पहुंच गई। वाह रे भारतीय शादी, जहां 'मिलन' के बजाय 'दंगल' हो गया!
'अतिथि देवो भव' नहीं, 'अतिथि दैत्यो भव'!
मामला देहली गेट थाना क्षेत्र के सांवरिया गेस्ट हाउस का है। रविवार रात शादी की धूम मची थी, लेकिन धूम जल्द ही 'धुनाई' में बदल गई। बाराती डीजे पर ऐसे थिरक रहे थे मानो उन्होंने शादी नहीं, बल्कि 'अखाड़े का टिकट' कटाया हो। तभी एक 12 साल का किशोर भी डांस करने पहुंचा और गलती से एक बाराती के पैर पर पैर रख गया। बस फिर क्या था! बाराती ने उसे पीट दिया, क्योंकि आज के जमाने में 'अतिथि देवो भव' नहीं, बल्कि 'अतिथि दैत्यो भव' का सिद्धांत चलता है।
'कुर्सी तोड़' डांस: डीजे पर डिस्को नहीं, सीधा 'युद्ध क्षेत्र'!
जब घरातियों को अपने बालक की पिटाई का पता चला, तो माहौल गरमा गया। फिर जो हुआ, वो इतिहास में दर्ज हो गया – लात-घूंसे चले, तमंचे की बटों से हमला हुआ, और तो और, कुर्सियां भी फेंक दी गईं! लगता है शादी में 'डिस्को' नहीं, सीधा 'युद्ध क्षेत्र' बन गया था, जहां हर कोई अपनी 'बहादुरी' का प्रदर्शन कर रहा था। दुल्हन का भाई भी इस 'मारपीट के महोत्सव' में घायल हो गया, क्योंकि आखिर बहन की शादी में 'बलिदान' तो देना ही पड़ता है। पुलिस ने मौके से दो 'डांसरों' को पकड़कर शांतिभंग में पाबंद कर दिया, बेचारे!
अहार का 'लाठी-डंडा डांस': शादी में 'जयमाला' नहीं, 'जय दंगा'!
यह एक अकेला मामला नहीं था। बुलंदशहर के अहार थाना क्षेत्र के गांव भगवंतपुर में भी डांस को लेकर ऐसा ही 'बवाल' हुआ। बारात चढ़त के दौरान लाठी-डंडे ऐसे चले मानो 'जयमाला' नहीं, बल्कि 'जय दंगा' का कार्यक्रम चल रहा हो। दोनों पक्षों के आधा दर्जन लोग घायल हुए। पुलिस को बारातियों को 'बाहर निकलवाना' पड़ा, जैसे वे किसी अपराध स्थल से भागे हों। हालांकि, अगले दिन सुबह 'समझौते' के बाद शादी की रस्म पूरी हुई। लगता है भारतीय शादियां अब सिर्फ 'सात फेरों' की नहीं, बल्कि 'सात लड़ाइयों' की भी गवाह बन रही हैं। यह घटना क्षेत्र में 'चर्चा का विषय' बनी रही, क्योंकि अब हर कोई अपनी शादी के डीजे पर डांस करते हुए सौ बार सोचेगा!