Bihar Crime: पुलिस और ग्रामीणों में भिड़ंत, एक दारोगा और चौकीदार घायल , पथराव में आधा दर्जन गाड़ियाँ चकनाचूर, हथियारबंद संदिग्धों को पकड़ने पर गांववाले हुए आग बबूला

Bihar Crime: हथियारबंद संदिग्धों को पकड़ने पर ग्रामीण और पुलिस आमने-सामने आ गए, पथराव शुरू हुआ और देखते ही देखते पुलिस की आधा दर्जन से ज़्यादा गाड़ियाँ टूट-फूट गईं।

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पुलिस और ग्रामीणों में भिड़ंत- फोटो : reporter

Bihar Crime: भोजपुर के चौरी थाना क्षेत्र के दुल्लमचक गाँव ऐसा बवाल हुआ कि पूरा इलाक़ा रणक्षेत्र बन गया। हथियारबंद संदिग्धों को पकड़ने पर ग्रामीण और पुलिस आमने-सामने आ गए, पथराव शुरू हुआ और देखते ही देखते पुलिस की आधा दर्जन से ज़्यादा गाड़ियाँ टूट-फूट गईं। एक दारोगा और चौकीदार घायल बताए जा रहे हैं। हालात बेकाबू होते ही भारी पुलिस बल तैनात किया गया और पूरा इलाक़ा सुरक्षा घेरे में ले लिया गया।

घटना मतदान के दूसरे दिन की है। सुबह गाँव में दो संदिग्ध युवकों के घूमने की खबर मिली। ग्रामीणों ने गुलज़ारपुर निवासी दोनों युवकों को पकड़ लिया और धुनाई शुरू कर दी। मामला चुनावी तनाव से पहले ही गर्म था। इसी बीच चौरी थाना पुलिस पहुँची और भीड़ के हाथों में फँसे संदिग्धों को छुड़ाने लगी। यहीं से विवाद भड़क उठा। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस संदिग्धों को बचाकर भगा रही थी।

लोग भड़के, नारे लगे और देखते ही देखते पत्थर बरसने लगे। अचानक हुए हमले में पुलिस कर्मी पिट गए, वाहनों के शीशे चटक गए और कई निजी गाड़ियाँ भी क्षतिग्रस्त हो गईं। अफरातफरी के बीच दोनों संदिग्ध मौके से निकल भागे। बाद में तलाशी में पुलिस ने एक देसी पिस्तौल भी बरामद किया।

एसडीपीओ के.के. सिंह और कई थानों की फोर्स पहुँची तो किसी तरह भीड़ को तितर-बितर किया गया। पुलिस का कहना है कि भीड़ ने कानून हाथ में लिया। संदिग्धों की जान बचाने पहुँचे थे, उल्टे हम पर हमला कर दिया गया।

वहीं ग्रामीणों का दावा है कि चुनावी झगड़े में पुलिस पक्षपात कर रही है। गुरुवार को भी मारपीट हुई थी, कार्रवाई नहीं हुई। आज संदिग्धों को छोड़ने की कोशिश ने आग में घी डाल दिया।

पुलिस ने अज्ञात लोगों पर सरकारी काम में बाधा, हमला और तोड़फोड़ का केस दर्ज कर लिया है। गाँव में हालात तनावपूर्ण हैं लेकिन नियंत्रण में बताए जा रहे हैं। अतिरिक्त फोर्स तैनात है और फ्लैग मार्च करवाया गया। प्रशासन ने अपील की है कि अफवाहों से दूर रहें और शांति बनाए रखें, जबकि जनप्रतिनिधि दोनों पक्षों को बातचीत की टेबल पर लाने की कोशिश में जुटे हैं।

रिपोर्ट – आशीष कुमार