Bihar Crime: ना कहने की इतनी बड़ी सजा? इश्क का जुनून बना मौत का कारण,सिस्टम की चुप्पी पर उठे सवाल
इश्क़ का जुनून नहीं, वहशीपन की हदें पार हो गईं।एक महिला ने बस ‘ना’ कहने की जुर्रत कर ली थी।26 वर्षीय मोनी देवी ने इज्जत के सौदागर को ठुकरा दिया और उसी इन्कार की उसे मिली सज़ा सिर पर गोली!

Bihar Crime: इश्क़ का जुनून नहीं, वहशीपन की हदें पार हो गईं।नवगछिया के गोपालपुर थाना क्षेत्र के तीनटंगा गांव का बालू टोला आज खून से रंग गया ।वजह? एक महिला ने बस ‘ना’ कहने की जुर्रत कर ली थी।26 वर्षीय मोनी देवी ने इज्जत के सौदागर को ठुकरा दिया और उसी इन्कार की उसे मिली सज़ा सिर पर गोली!
प्रकाश मंडल नाम का युवक न सिर्फ उसे महीनों से परेशान कर रहा था, बल्कि खुलेआम मोबाइल नंबर और “नाजायज रिश्ते” की मांग कर रहा था। समाज की मर्यादा, परिवार की अस्मिता और अपने आत्मसम्मान की रक्षा करने वाली महिला ने कई बार उसे ठुकराया, लेकिन अपराधी की हवस ने आखिरकार ट्रिगर दबा दिया।
न रिश्ता बना, न नंबर मिला तो उसकी कनपटी उड़ा दी गई।यह हत्या नहीं, इंकार पर इनकार की सज़ा है। और सबसे बड़ा सवाल यह है कि पुलिस को सबकुछ पता था, गांव जानता था, शिकायतें थीं फिर भी आरोपी आज़ाद घूमता रहा, और अब हत्या कर भाग निकला।
क्या अब महिलाओं की ना सुनना अपराधियों को बर्दाश्त नहीं?क्या एक महिला की इज्ज़त अब सवाल नहीं, सिर्फ ‘मौका’ बनकर रह गई है?
ग्रामीणों ने साहस दिखाया, आरोपी को पकड़ा, हथियार भी छीना, लेकिन “लचर कानून व्यवस्था” के बीच वो हाथ छुड़ाकर भाग गया। और अब पुलिस छापेमारी कर रही है मानो कुछ नया हुआ हो।
गांव में तनाव है, परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा है, लेकिन पुलिसिया फाइलों में यह भी “एक केस” बनकर रह जाएगा।
क्या मोनी देवी की पहले की शिकायतों को गंभीरता से लिया गया था?
प्रकाश मंडल पर पहले भी आरोप थे तो पुलिस ने क्या इनायत दिखाई थी?क्या अब महिलाएं घर से बाहर निकलने से पहले इन्कार का डर साथ रखें? बिहार में महिला सुरक्षा का दावा जमीनी हकीकत में कितना खोखला?
अब मोनी देवी के परिजन और ग्रामीण कह रहे हैं कि ये हत्या नहीं, सिस्टम की असफलता है। अगर पहले ही कानूनी एक्शन होता, तो आज वो ज़िंदा होती।
क़ानून व्यवस्था पर फिर से उंगलियां उठ रही हैं और इस बार, सवाल सिर्फ न्याय का नहीं, एक औरत की हिम्मत की कुर्बानी का है।क्योंकि अब सवाल ये नहीं कि कौन मरा। सवाल ये है कि क्यों मरा, और ‘कब तक मरेगा’...“ना” कहने वाली हर औरत क्या अब मौत की दावेदार है?”
रिपोर्ट –अंजनी कुमार कश्यप