BIHAR NEWS: बिहार के एक डीएसपी को सरकार ने कड़ा दंड दिया है. डीजीपी की रिपोर्ट के बाद आरोपी डीएसपी के खिलाफ गृह विभाग की तरफ से विभागीय कार्यवाही शुरू की गई थी. अब जाकर आरोप तत्कालीन एसडीपीओ के खिलाफ दंड के प्रस्ताव पर मुहर लगी है. बिहार के तत्कालीन डीजीपी ने मोहनिया के तत्कालीन एसडीपीओ रघुनाथ सिंह के खिलाफ आरोप पत्र गठित कर कार्रवाई की सिफारिश की थी. इसके बाद गृह विभाग की तरफ से विभागीय कार्यवाही शुरू की गई। अब जाकर सरकार ने आरोपी डीएसपी के खिलाफ दंड का आदेश पारित किया है.
बिहार के तत्कालीन डीजीपी ने 2021 में ही मोहनिया के तत्कालीन अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी रघुनाथ सिंह जो वर्तमान में विशेष शाखा पटना पूर्वी के डीएसपी हैं, इनके खिलाफ आरोप पत्र गठित कर गृह विभाग को उपलब्ध कराया था. जिसमें कहा गया था कि आरोपी एसडीपीओ ने 2019 में मोहनिया थाना क्षेत्र में रेप का वीडियो वायरल होने की घटना के बाद विरोध में करणी सेना के द्वारा आयोजित रैली में शामिल उपद्रवियों को रोकने में असफल रहे. वरीय पुलिस पदाधिकारी को गुमराह किया . साथ ही स्थिति की सही जानकारी नहीं दी.जिस कारण करणी सेना की रैली में शामिल भीड़ हिंसक हो गई थी. स्थिति तनाव पूर्ण होने के बाद कैमूर के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक घटनास्थल पर पहुंचे. इसके आधे घंटे के बाद रघुनाथ सिंह तत्कालीन एसडीपीओ मोहनिया घटनास्थल पर पहुंचे थे. जो इनके कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही को प्रदर्शित करता है.
इसके बाद गृह विभाग के विशेष सचिव के इस अनुपम को इस मामले में संचालन पदाधिकारी नियुक्त किया गया. संचालन पदाधिकारी ने आरोपी डीएसपी के खिलाफ कालमान वेतन में पांच निम्नतक प्रक्रम पर 5 वर्षों के लिए अवनति का दंड दिया है .अवनति की अवधि में वार्षिक वेतन वृद्धि अर्जित नहीं की सकेगी .अवधि समाप्ति के बाद भविष्य की वेतन वृद्धियां अनुमान्य होंगी. यानि मोहनिया के तत्कालीन एसडीपीओ को पांच साल तक प्रमोशन का लाभ नहीं मिलेगा.