SASARAM : कैमूर पहाड़ी क्षेत्र के नौहट्टा प्रखंड में मटियांव यदुनाथनाथपुर में हुई नक्सली मुठभेड़ से संबंधित मामले में पूर्व एसपी मनु महाराज की गवाही एडीजे दस उमेश राय की अदालत में दर्ज की गई। मनु महाराज, जो वर्तमान में आईटीबीपी के देहरादून में डीआईजी के पद पर कार्यरत हैं, ने अपनी गवाही में महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा कीं। मनु महाराज ने बताया कि 2 जनवरी 2012 को उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि नक्सली एक गंभीर योजना को अंजाम देने के लिए एकत्र हुए हैं। इस जानकारी के आधार पर, उन्होंने एसटीएफ, सीआरपीएफ, कोबरा और जिला बल के संयुक्त अभियान की योजना बनाई। उन्होंने कहा कि इस अभियान के दौरान तीन नक्सली मुठभेड़ में मारे गए थे।
गवाही में, उन्होंने यह भी बताया कि नक्सलियों की गतिविधियों को रोकने के लिए यह कार्रवाई कितनी आवश्यक थी। मनु महाराज ने अदालत को बताया कि नक्सलियों ने गांव में एक महत्वपूर्ण योजना बनाई थी, जिसे पुलिस बल की त्वरित कार्रवाई से विफल कर दिया गया।
गवाही में शामिल अन्य गवाहों में तत्कालीन एएसपी विनोद कुमार मंडल और अन्य पुलिसकर्मी भी शामिल थे। सभी गवाहों ने नक्सलियों के खिलाफ किए गए अभियान की पुष्टि की और बताया कि यह ऑपरेशन कितनी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण था।
इस मामले में सुनवाई जारी है, और अदालत ने आगे की गवाही के लिए अगली तारीख निर्धारित की है। मनु महाराज की गवाही इस मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है, क्योंकि यह नक्सल गतिविधियों के खिलाफ पुलिस की ठोस कार्रवाई को रेखांकित करती है।
सासाराम से रंजन की रिपोर्ट