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DEO के नाम से लैब ऑपरेटर भर्ती के नाम पर किया करोड़ों का घोटाला दो के खिलाफ चार्जशीट दायर

 DEO के नाम से   लैब  ऑपरेटर भर्ती के नाम पर किया करोड़ों का घोटाला  दो के खिलाफ चार्जशीट दायर

 पिछले कुछ सालों से बिहार के सरकारी स्कूलों के अधारभूत संरचना में लगातार बदलाव किया जा रहा है। विद्यालय में नए-नए उपकरण लगाए जा रहे हैं। कंप्यूटर लैब बन रहे हैं। इसी कंपूटर लैब में ऑपरेटर  के बहाली के नाम पर कई लोगें से करोड़ों रूपए  की जालसाजी की गई  थी । इस फर्जीवाड़े  में मुजफ्फरपुर,  सीतामढ़ी और पूर्वी चंपारण  के कई युवा जालसाजी के शिकार हो गए थे । जिसमें बड़ी संख्या में युवाओं  से कंप्यूटर लैब में ऑपरेटर  के पद के लिए आवेदन मंगवाए और फिर नौकरी  दिलाने के नाम पर प्रत्येक युवा  से बड़ी संख्या में राशि की ठगी की थी  ।अभी मुझफ्फरपुर साइ बर थाना  इस मामले पुलिस  ने बड़ी कार्रवाई की है। । पुलिस के द्वारा इस  घटना में शामिल दो शातिर अपराधियों  के खिलाफ चार्जशीट दायर किया गया है।  इसके अलावा पुलिस के आशंका है कि इस केस में अब शिक्षा विभाग के अधिकारी  की भी भूमिका हैं। साइबर थाने की पुलिस इन जिलों में कई स्कूलों के प्रधानाध्यापकों और शिक्षा अधिकारियों की मिलीभगत की भी जांच कर रही है।

मुजफ्फरपुर साइबर थाना  के अपर थानेदार जन्मेजय कुमार ने दोनों पर कोर्ट में बीते 25 सितंबर को चार्जशीट दाखिल की। पुलिस की जांच में सामने आया है कि पटना के अगमकुंआ थाना के छोटी पहाड़ी वार्ड 56 निवासी सुरभि प्रिया और पीरबहोर थाना के फकीरबारा मोहल्ला निवासी मो. नवाज आलम ने यह गोरखधंधा किया है। दोनों ने अपर मुख्य सचिव और सीतामढ़ी जिला शिक्षा अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर से सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी   (बीईओ) को फर्जी पत्र जारी किया था। इसमें स्कूलों में आईसीटी लैब अधिष्ठापन और संचालन की जिम्मेवारी तीन अलग-अलग निजी एजेंसी को दिए जाने का जिक्र किया गया था।

 इस  संदर्भ  में फर्जीवाड़े  का शिकार हुआ एक व्यक्ति ने बताया कि वे सीतामढ़ी के बेलसंड में शिक्षक हैं। उनके स्कूल में भी सुरभि एवं नवाज ने कंप्यूटर लगवाए थे। पिड़ित  ने देखा कि कंप्यूटर लैब में ऑपरेटर की बहाली कराई जा रही है तो उसने सुरभि से संपर्क साधा। उसने साढ़े चार लाख रुपये लिए और उनके एक करीबी को ऑपरेटर के लिए बहाल करने का भरोसा दिलाया। रुपये देने के बाद समय जब बीतने लगा तो अभय ने विभाग में हकीकत का पता लगाया। पता चला कि पत्र फर्जी है और बड़े पैमाने पर बहाली के नाम पर ठगी का रैकेट चल रहा है। इसके बाद  उन्होंने  ने मुजफ्फरपुर साइबर थाने में 23 जून को एफआईआर दर्ज कराई। सीतामढ़ी ही नहीं, पूर्वी चंपारण के पकड़ीदयाल में भी सुरभि ने दर्जनों लोगों से ठगी की है।
रिपोर्ट - रितिक कुमार 

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