Bihar Crime: सफेद निशा' का काला कारोबार, बांग्लादेश से बिहार तक स्मैक का ये है 'गोल्डन रूट'
Bihar Crime: बिहार में नशे का ज़हर तेज़ी से फैल रहा है, और इसका सबसे बड़ा ज़रिया है बांग्लादेश से होता हुआ एक ख़तरनाक तस्करी रूट।

Bihar Crime: बिहार में नशे का ज़हर तेज़ी से फैल रहा है, और इसका सबसे बड़ा ज़रिया है बांग्लादेश से होता हुआ एक ख़तरनाक तस्करी रूट। इसे 'सफेद निशा' यानी स्मैक का काला कारोबार कहा जाए तो ग़लत न होगा, जो बांग्लादेश से बंगाल के मालदा ज़िले के कालिया चौक से गुज़रकर कटिहार, पूर्णिया, अररिया और किशनगंज जैसे बिहार के सीमावर्ती ज़िलों तक पहुँचता है।
कटिहार ज़िले की बात करें तो, पिछले कुछ अर्से में जितनी भी स्मैक की बड़ी खेप पकड़ी गई है, उन सभी का सीधा कनेक्शन बंगाल के मालदा ज़िले के कालिया चौक से जुड़ा है। यह इलाक़ा तस्करों के लिए एक मुख्य मार्ग बन चुका है। बीती रात, कटिहार पुलिस ने दो अलग-अलग थाना क्षेत्रों—सहायक और प्राणपुर थाना—से लगभग एक किलो स्मैक बरामद की है, जिसकी बाज़ारी क़ीमत तकरीबन 15 लाख रुपये बताई जा रही है। इस मामले में कुल चार आरोपियों को गिरफ़्तार किया गया है।
फ़िलहाल, पुलिस स्मैक तस्करी के इस पूरे नेटवर्क को खंगालने में जुटी है, जिसके तार बंगाल से लेकर बांग्लादेश तक फैले हुए हैं। यह जाँच काबिले-ग़ौर है क्योंकि ये नशा माफिया समाज की जड़ों को खोखला कर रहे हैं। इस ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के तहत इन तस्करों पर लगाम कसना बेहद ज़रूरी है, ताकि नौजवान पीढ़ी को इस काले कारोबार से बचाया जा सके।
रिपोर्ट- श्याम कुमार सिंह