गोपाल खेमका मर्डर लेकिन इसे जंगलराज नहीं कह सकते... नीतीश जी बख़्श दीजिए बिहार को, एनडीए सरकार पर भड़के तेजस्वी- पप्पू
बिजनेसमैन गोपाल खेमका की हत्या के बाद बिहार में नीतीश सरकार निशाने पर है. तेजस्वी यादव और पप्पू यादव ने एनडीए सरकार को आड़े हाथों लिया है.

Gopal Khemka Murder: बिहार के नामी बिजनेसमैन गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या किए जाने के बाद सियासी दलों ने नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एनडीए सरकार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा - थाना से चंद कदम दूर पटना में बिहार के बड़े व्यापारी की गोली मारकर हत्या! हर महीने बिहार में सैकड़ों व्यापारियों की हत्या हो रही है लेकिन जंगलराज नहीं कह सकते? क्योंकि इसे ही शास्त्रों में मीडिया प्रबंधन, परसेप्शन मैनेजमेंट और छवि प्रबंधन कहते है।'
नीतीश पर बरसे पप्पू यादव
पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने गोपाल खेमका मर्डर के बाद देर रात वहां पहुंच कर परिजनों से मुलाकात की. उन्होंने नीतीश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए लिखा- ' इस बच्चे को क्या दिलासा दूं? सात साल पहले गोपाल खेमका जी के पुत्र गुंजन खेमका की ह.त्या हुई थी, उन्हें न्याय का भरोसा दिलाने गया था। अगर उस वक्त सरकार अपराधियों की साझीदार न बनकर, उनके ख़िलाफ़ कठोर कार्रवाई करती तो आज गोपाल खेमका जी की ह.त्या न होती! जैसे ही सूचना मिली मैं वहां पहुंचा। पर इस क्रूर महा गुNDAराज में कोई सुरक्षित नहीं है, अपराधियों का अभ्यारण्य बन गया. बिहार! नीतीश जी बख़्श दीजिए बिहार को'.
सिर में मारी गोली
गोपाल खेमका का अपार्टमेंट कटारुका निवास पटना की हृदय स्थली कहे जाने वाले गांधी मैदान थाना के अंतर्गत आता है. उन पर गोली रात 11 बजे के बाद उस समय चली जब वे बांकीपुर क्लब से लौट रहे थे. सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखता है कि हेलमेट पहने हुए शूटर आता है और आराम से गोपाल खेमका की कार के पास जाकर उनको गोली मार देता है. रोते-बिलखते परिजन उन्हें लेकर मेडिवर्सल हॉस्पिटल पहुंचते हैं. लेकिन सिर में गोली मारे जाने के कारण डॉक्टरों ने देखते ही उन्हें मृत घोषित कर दिया.
भाई पर चली थी गोली
पटना के नामी बिजनेसमैन में शामिल गोपाल खेमका का परिवार शुरू से ही अपराधियों के निशाने पर रहा है. चाहे लालू-राबड़ी शासनकाल हो, जिसे भाजपा-जदयू के नेता जंगलराज कहते हैं, उस दौरान भी गोपाल खेमका के भाई पर पटना में गोलियों की बौछार हुई थी. गोपाल खेमका के बड़े भाई विजय खेमका पर उस दौरान पटना के पीएमसीएच के पास एक दवा दुकान पर दिनदहाड़े गोलियां चलाई गई थी. गोली लगने से घायल हुए विजय खेमका का उपचार तब के पीएमसीएच के सर्जन डॉ. यू पी सिंह ने किया था और उनकी जान बची थी.
2018 में गुंजन खेमका की हत्या
वहीं दिसंबर 2018 में गोपाल खेमका के जवान बेटे गुंजन खेमका की भी इसी अंदाज में हत्या की गई थी. हाजीपुर के पासवान चौक पर उनकी कार को रोका गया और दिन-दहाड़े 12 गोलियां दागी गईं. हाजीपुर में खेमका परिवार का करीब 40 साल पुराना कॉटन फैक्टरी है. गुंजन वहीं से लौट रहे थे जब उन्हें गोली मारी गई. गुंजन की जान चली गई और ड्राइवर भी घायल हुआ. इसके पहले पहले 2016 में भी उन पर हमला हुआ था, तब बच गए थे, लेकिन 2018 में किस्मत ने साथ छोड़ दिया. कहा जाता है कि बेटे की हत्या के बाद गोपाल खेमका अंदर से टूट चुके थे. उन्होंने मगध हॉस्पिटल जैसा प्रतिष्ठित संस्थान बेच दिया और सियासत से भी किनारा कर लिया. कभी भाजपा के लघु उद्योग प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक रहे खेमका, बेटे के कत्ल के बाद पार्टी से भी दूरी बना ली थी.
एसआईटी का गठन
गोपाल खेमका के इस हाई प्रोफाइल मर्डर केस में डीजीपी विनय कुमार के आदेश पर एसआईटी का गठन कर छानबीन शुरू कर दिया गया है. सेंट्रस एसपी दीक्षा इसे लीड कर रही हैं. लेकिन खेमका परिवार के लिए चाहे लालू-राबड़ी राज हो या नीतीश राज दोनों दौर पर खेमका परिवार पर अपराधियों का कहर टूटता रहा है.