बिहार के सदर अस्पताल में इंजरी रिपोर्ट से की गई छेड़छाड़ का बड़ा खुलासा, सबूतों से हुआ समझौता? इंसाफ के साथ खेल! मंगलराज में घोटला...
Bihar Crime: सदर अस्पताल में इंजरी रिपोर्टों की कथित अदला-बदली कर न्याय व्यवस्था को प्रभावित करने का एक बड़ा रैकेट सामने आया है। ..

Bihar Crime: बिहार के कटिहार सदर अस्पताल में इंजरी रिपोर्टों की कथित अदला-बदली कर न्याय व्यवस्था को प्रभावित करने का एक बड़ा रैकेट सामने आया है। एक ऐसा सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है, जिसमें एक पक्ष द्वारा दूसरे पक्ष को फंसाने के लिए फर्जी सिटी स्कैन रिपोर्ट का उपयोग कर सामान्य चोटों को 'गंभीर' दिखाने का प्रयास किया गया है। चूंकि अदालतों में सजा मुकर्रर करने में इंजरी रिपोर्ट की अहम भूमिका होती है, ऐसे में यह फर्जीवाड़ा न्याय की बुनियाद को ही हिला देने वाला है।
मामला और आरोपों की गंभीरता:
यह पूरा मामला नगर थाना क्षेत्र से जुड़ा है। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि एक विरोधी पक्ष ने पुलिस को एक फर्जी सिटी स्कैन रिपोर्ट सौंपी, जिसमें उनकी चोटों को गंभीर प्रकृति का दर्शाया गया, जबकि मूल सिटी स्कैन रिपोर्ट में चोटें सामान्य थीं। इस खेल में, स्कैनर के सिंबल वाली ओरिजिनल सिटी स्कैन रिपोर्ट की जगह, बगैर स्कैनर के फोटो वाली एक फर्जी सिटी स्कैन रिपोर्ट का इस्तेमाल किया गया। यह विशेष रूप से चिंताजनक है क्योंकि इस फर्जी रिपोर्ट के आधार पर एक वृद्ध महिला को फंसाने का प्रयास किया जा रहा है।
पीड़ित परिवार की न्याय की गुहार:
इस गंभीर धोखाधड़ी का शिकार हुए पीड़ित परिवार ने अब न्याय की गुहार लगाते हुए सिविल सर्जन, जिलाधिकारी (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) सहित कटिहार के तमाम उच्चाधिकारियों को आवेदन सौंपे हैं। उन्होंने इन फर्जी रिपोर्टों की प्रतियां भी अधिकारियों को उपलब्ध कराई हैं, ताकि सबूतों के आधार पर मामले की गहन जांच हो सके और उन्हें इंसाफ मिल सके।
सिविल सर्जन ने दिया जांच का आश्वासन:
पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए कटिहार सदर अस्पताल के सिविल सर्जन ने तत्काल जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा है कि इस प्रकरण की पूरी सच्चाई सामने लाई जाएगी और जो भी इसमें दोषी पाया जाएगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
न्याय की कसौटी पर मामला
यह देखना अब महत्वपूर्ण होगा कि क्या पीड़ित पक्ष को इस गंभीर फर्जीवाड़े के खिलाफ न्याय मिल पाता है, या फिर उन्हें इस जालसाजी का शिकार होकर जेल जाना पड़ता है। यह मामला न केवल कटिहार सदर अस्पताल की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया में मेडिकल रिपोर्टों की विश्वसनीयता पर भी एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगाता है। प्रशासन की त्वरित और निष्पक्ष जांच इस प्रकरण में न्याय सुनिश्चित करने और भविष्य में ऐसे फर्जीवाड़ों को रोकने के लिए अत्यंत आवश्यक है।
रिपोर्ट- श्याम कुमार सिंह