Shoe attack on Panchayat head:मुखिया पर जूता अटैक, मनरेगा भ्रष्टाचार का राज खोलना पड़ा भारी, तकनीकी सहायक के पति ने किया हमला

Shoe attack on Panchayat head:मनरेगा घोटाले की परतें खोलने वाले मुखिया पर तकनीकी सहायक के पति ने जूता चलाकर हमला कर दिया।...

Motehari Shoe attack on Panchayat head
मुखिया पर जूता अटैक- फोटो : मुखिया पर जूता अटैक, मनरेगा भ्रष्टाचार का राज खोल

Shoe attack on Panchayat head: बिहार में भ्रष्टाचार और अफसरशाही का अजीबोगरीब संगम एक बार फिर सुर्खियों में है। मोतीहारी जिले के तुरकौलिया प्रखंड के तुरकौलिया पश्चिमी पंचायत में मनरेगा घोटाले की परतें खोलने वाले मुखिया पर तकनीकी सहायक के पति ने जूता चलाकर हमला कर दिया। घटना के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मचा हुआ है।

मुखिया रामजन्म पासवान ने तुरकौलिया थाना में दी गई अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि पंचायत में तैनात मनरेगा तकनीकी सहायक निकिता कुमारी के पति रविन्द्र कुमार (पीपरा कोठी प्रखंड में पीटीए पद पर कार्यरत) ने उन पर जानलेवा हमला किया। मुखिया का कहना है कि पंचायत में पोस्टिंग के बाद से अब तक महिला जेई कभी भी कार्यस्थल पर नहीं आती और उसका पति ही मनरेगा के सारे काम देखता है।

मुखिया का आरोप है कि रविन्द्र कुमार मनरेगा योजनाओं के हर एस्टीमेट पर 10% कमीशन की मांग करता था। जब मुखिया ने यह शिकायत जिला पंचायती राज पदाधिकारी से की तो रविन्द्र कुमार आगबबूला हो गया। तिलमिलाहट में वह सीधे मुखिया के कार्यालय पहुंचा, जातिसूचक गालियां दीं और जूता चलाकर हमला कर दिया।

घटना के बाद मुखिया ने तुरकौलिया थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। थानाध्यक्ष ने बताया कि आरोपित की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।

इस घटना ने पंचायत राजनीति और मनरेगा में चल रहे भ्रष्टाचार पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। ग्रामीणों के बीच चर्चाओं का बाजार गर्म है। कोई इसे "अफसरशाही का चरम" बता रहा है तो कोई मनरेगा की लूट पर रोक लगाने की कोशिशों का नतीजा मान रहा है।

बता दें  अभी हाल ही में राजद के एक विधायक द्वारा पंचायत सचिव को जूता मारने का मामला सुर्खियों में था, और अब एक मुखिया पर ही जूता चला दिया गया। लोग कह रहे हैं कि बिहार में अब जनप्रतिनिधियों और अफसरों के बीच टकराव आम होता जा रहा है।

मुखिया रामजन्म पासवान का कहना है कि अगर ऐसे भ्रष्टाचारियों पर लगाम नहीं कसी गई तो पंचायत स्तर पर योजनाओं की लूट और बढ़ जाएगी। वहीं, इस मामले ने बिहार में मनरेगा की पारदर्शिता और निगरानी व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

अब देखना यह होगा कि तुरकौलिया पुलिस इस ‘जूता कांड’ में कितनी सख्ती दिखाती है और क्या मनरेगा में चल रही कथित लूट पर वाकई कोई कार्रवाई होती है या नहीं।

रिपोर्ट- हिमांशु कुमार