Cyber Crime: डिजिटल अरेस्ट कर 56 लाख की ठगी, रिटायर्ड कृषि अधिकारी बने साइबर ठग का शिकार, ‘सुपर फ्रॉड’ आकाश मुखर्जी गिरफ्तार
Cyber Crime: एक सनसनीखेज साइबर क्राइम का मामला सामने आया है, जहांसाइबर ठग आकाश मुखर्जी ने रिटायर्ड कृषि विभाग के अधिकारी और उनकी पत्नी को ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर सात दिनों तक मानसिक कैद में रखा और ₹56 लाख 80 हजार की ठगी को अंजाम दिया।...

Cyber Crime:बिहार के मोतिहारी से एक सनसनीखेज साइबर क्राइम का मामला सामने आया है, जहां कटिहार निवासी साइबर ठग आकाश मुखर्जी ने रिटायर्ड कृषि विभाग के अधिकारी और उनकी पत्नी को ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर सात दिनों तक मानसिक कैद में रखा और ₹56 लाख 80 हजार की ठगी को अंजाम दिया।
ठगी का हाई-टेक तरीका – डिजिटल अरेस्ट का खौफनाक जाल
पीड़ित दिलीप कुमार, पूर्व कृषि अधिकारी और उनकी पत्नी गीता अग्रवाल को आकाश मुखर्जी ने खुद को एजेंसी अधिकारी बताकर डराया-धमकाया। खुद को केंद्रीय एजेंसी से जुड़ा दिखाते हुए आरोपी ने दिलीप और गीता को ‘नरेश गोयल’ (प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा वांछित एक कथित कारोबारी) से संबंध बताकर मानसिक रूप से घेर लिया और कहा कि वे एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संदिग्ध हैं।
ठग ने उन्हें किसी से संपर्क करने से मना किया और वीडियो कॉल्स व सतत निगरानी के जरिये दोनों को 7 दिन तक घर में ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखा। इस दौरान दंपती से डर के माहौल में अलग-अलग खातों में कुल ₹56,80,000 ट्रांसफर करवा लिए।
कटिहार का 'मोस्ट वांटेड' साइबर ठग – 8 राज्यों में दर्ज हैं केस
गिरफ्तार साइबर अपराधी आकाश मुखर्जी कोई नया नाम नहीं है। कर्नाटक, केरल, दिल्ली, कोलकाता और बेंगलुरु समेत देश के आठ राज्यों में उसके खिलाफ करीब 21 साइबर ठगी के केस दर्ज हैं। यह ठग एक संगठित रैकेट के साथ काम करता है और देशभर में कई लोगों को शिकार बना चुका है।
पुलिस की SIT टीम ने दबोचा हाई-प्रोफाइल साइबर ठग
मोतिहारी साइबर थाना ने घटना की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष जांच टीम (SIT) गठित की। साइबर डीएसपी अभिनव पराशर के नेतृत्व में टीम ने तकनीकी निगरानी, बैंक ट्रांजैक्शन और डिजिटल ट्रेसिंग के आधार पर आरोपी को कटिहार से धरदबोचा।
बढ़ती घटनाओं के मद्देनज़र अब पुलिस आकाश मुखर्जी को रिमांड पर लेकर विस्तृत पूछताछ करेगी। साथ ही उसके बैंक खातों, गैजेट्स और नेटवर्क की जांच की जा रही है ताकि उसके पूरे गिरोह का पर्दाफाश किया जा सके।डिजिटल अपराध का चेहरा बन चुका आकाश मुखर्जी अब सलाखों के पीछे है, लेकिन यह घटना इस बात का संकेत है कि आज के दौर में साइबर अपराधी तकनीक का इस्तेमाल कर आम नागरिकों को इस कदर जाल में फंसा सकते हैं कि वे मानसिक रूप से पूरी तरह पंगु हो जाएं।पुलिस और साइबर सेल की सतर्कता से इस मामले का पर्दाफाश तो हो गया, लेकिन यह एक चेतावनी है डर और भ्रम के जाल में फंसने से पहले सोचें, सतर्क रहें, और तुरंत संबंधित एजेंसी से सत्यापन करें।
रिपोर्ट- हिमांशु कुमार