Bihar Crime: तालिबानी भीड़ का खौफनाक कारनामा, प्रेमी-जोड़े को रस्सी से बाँधकर पेड़ पर लटकाया, की बर्बर पिटाई, पुलिस ने बचाई जान

पिछले दो साल से एक-दूजे के साथ प्यार निभा रहे राजेश्वर शाह और प्रीति कुमारी को गाँव वालों ने ‘इश्क़ की सजा’ के तौर पर ऐसा अमानवीय तज़कीर कर दी कि वह जीवन और मौत के दरमियान पहुँच गए।..

Motihari Horrific Act by Mob
तालिबानी भीड़ का खौफनाक कारनामा- फोटो : reporter

Bihar Crime: मोतिहारी के पतौरा लाल टोला में प्रेम के नाम पर हुई यह क़िस्सा दिल दहला देने वाला है। पिछले दो साल से एक-दूजे के साथ प्यार निभा रहे राजेश्वर शाह और प्रीति कुमारी को गाँव वालों ने ‘इश्क़ की सजा’ के तौर पर ऐसा अमानवीय तज़कीर कर दी कि वह जीवन और मौत के दरमियान पहुँच गए।

मौलिक शिकायतों के मुताबिक, प्रीति का घरवालों ने उसकी शादी किसी और से ज़बरन तय कर दी; विरोध करने पर उसे घर से भगा दिया गया। जब दोनों ने मिलकर गाँव लौटने की हिमक़त की तो करीब दो सौ लोगों की भीड़ ने दोनों को घेर लिया और उन्हें बेरहमी से पीटा। आरोप है कि भीड़ ने दोनों को पकड़कर रस्सी से पेड़ में बाँधा, लड़के को पेड़ से लटकाया गया और लाठियों, डंडों, लातों-घूँसों से बेरहमी से प्रहार किया। लड़की प्रीति को भी आँखों देखी मारपीट सहनी पड़ी।

घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बयान दिया कि यह मारपीट ताबड़तोड़ और संगठित थी  जिसे देख कर कहीं कोई इंसाफ़ की उम्मीद दम तोड़ देती है। राजेश्वर का कहना है कि यदि डायल 112 की टीम समय पर नहीं पहुँचती तो उसे और प्रीति को भीड़ ने मौत के घाट उतार दिया होता। दोनों को गंभीर हालत में 112 पुलिस ने संभालकर नज़दीकी अस्पताल भेजा, जहाँ उनका इलाज चल रहा है।

पुलिस के मुताबिक प्राथमिकी दर्ज कर आरोपियों की तलाशी और मामले की गम्भीरता से जाँच की जा रही है। निगरानी की गई जगह पर फ़ौरन कार्रवाई न होने पर अधिकारियो में नाराज़गी है और समाज में ऐसे 'खुदवाले' फ़ैसलों की निंदा की जा रही है।

लोकल सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसे क़ानून की खुली अवहेलना और जमघट-आधारित न्याय की कड़ी निन्दा कहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह न केवल दो युवाओं का व्यक्तिगत मामला है, बल्कि सामूहिक ज़ुल्म और महिला-स्वतंत्रता पर हमला भी है  जिसे प्रशासन सख़्ती से रोकने की ज़रूरत है।

आख़िर में सवाल यही उठता है कि क्या गाँव के किचल-क़ानून के नाम पर इंसानियत पर इतने निर्मम हमले को सहजता से सह लिया जाएगा? न्याय की उम्मीद अब इस केस की पारदर्शी और कड़े क़ानूनी कार्रवाई में टिकी है।

रिपोर्ट- हिमांशु कुमार