Attack On Police: अपराधियों ने पुलिस टीम पर किया हमला, जमकर किया पत्थरों की बरसात, कार्रवाई के दौरान वाहन तोड़ा

पुलिस ने तस्करों के अड्डे पर दस्तक दी, वहां मौजूद कुछ महिलाएं और पुरुष अचानक भड़क उठे। पलक झपकते ही भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया।

Attack On Police
पुलिस पर हमला- फोटो : social Media

Attack On Police: मुंगेर के पूरबसराय थाना क्षेत्र में वसंती तालाब स्थित मुसहरी में  उस वक़्त अफरातफरी मच गई जब पुलिस टीम अवैध शराब कारोबारियों पर शिकंजा कसने पहुंची। डायल 112 की गाड़ी से प्रशिक्षु दरोगा नीरज कुमार अपने जवानों के साथ मुसहरी में दबिश देने आए थे।

सूत्रों के मुताबिक, जैसे ही पुलिस ने तस्करों के अड्डे पर दस्तक दी, वहां मौजूद कुछ महिलाएं और पुरुष, जिनमें कुख्यात शराब तस्कर छोटू मांझी भी शामिल था, अचानक भड़क उठे। पलक झपकते ही भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। पत्थरों की बरसात के बीच 112 की गाड़ी के शीशे चकनाचूर हो गए और वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।

अचानक हुए इस हमले में पुलिस जवान जान बचाकर किसी तरह सुरक्षित निकलने में सफल रहे। बताया जाता है कि पत्थरबाज़ी में छोटू मांझी के साथ दो-तीन महिलाएं भी शामिल थीं, जो लंबे समय से इस अवैध धंधे में हाथ बंटाती रही हैं। घटना के बाद पुलिस ने अतिरिक्त बल बुलाकर इलाके में दोबारा छापेमारी की, लेकिन इस बार उन्हें कोई माल-ओ-अस्बाब हाथ नहीं लगा।

थानाध्यक्ष सौरभ कुमार ने बताया कि छोटू मांझी शराब तस्करी के मामले में पहले भी जेल की हवा खा चुका है और इलाक़े में उसकी दहशत कायम है। पुलिस ने उसे मौके से गिरफ्तार कर लिया है। बाकी आरोपियों की तलाश जारी है और उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दी जा रही है।

इलाके के लोगों का कहना है कि मुसहरी वर्षों से अवैध शराब के कारोबार का गढ़ बना हुआ है। यहां से न सिर्फ़ स्थानीय बल्कि दूसरे इलाक़ों में भी शराब की सप्लाई होती है। पुलिस की हर कार्रवाई के बाद कुछ समय के लिए कारोबार धीमा पड़ता है, मगर फिर से वही रफ़्तार पकड़ लेता है।

पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस तरह के हमले शराब माफिया की संगठित ताक़त और उनके नेटवर्क को दर्शाते हैं। ऐसे गिरोह कानून को खुलेआम चुनौती देते हैं और अपने धंधे को बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। थानाध्यक्ष ने साफ चेतावनी दी है कि क्षेत्र में शराब की तस्करी करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। चाहे पत्थर बरसें या गोलियां चलें, कानून का शिकंजा कसकर रहेगा।

बिहार में अवैध शराब कारोबार महज़ एक गैरकानूनी धंधा नहीं, बल्कि ऐसा आपराधिक जाल है जिसमें हिंसा, डर और कानून से टकराने का दुस्साहस शामिल है।