Attack On Police: ड्यूटी पर गई पुलिस बनी निशाना, पटना में पत्थरबाज़ी, महिला दारोगा समेत कई पुलिसकर्मी लहूलुहान

Attack On Police: पटना में 'कानून के रखवालों' पर हमला हुआ है। कमला नेहरू नगर की गलियों में लोगों ने वर्दीधारियों पर हमला बोला है। इसमें दारोगा समेत पांच पुलिसकर्मी लहूलुहान हुए हैं।

Patna Attack On Police
पटना में छापेमारी के दौरान पुलिस पर हमला- फोटो : social Media

Attack On Police: पटना शहर की रात अचानक खून-खराबे और हड़कंप से भर गई। कमला नेहरू नगर की तंग गलियों में पुलिस का खौफ उड़ गया जब मंगलवार देर रात दानापुर पुलिस पर असामाजिक तत्वों ने बेरहमी से पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। नतीजादारोगा ब्रजेश कुमार समेत पांच पुलिसकर्मी बुरी तरह जख्मी हो गए और शहर की कानून-व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया।

पूरा बवाल तब मचा जब पुलिस खगौल के द्वारिकापुरी निवासी राम लड्डू कुमार के अपहरण मामले में सुराग तलाशते हुए कमला नेहरू नगर पहुंची। गायब युवक की पत्नी नीतू देवी की प्राथमिकी के बाद पुलिस ने लोकेशन ट्रेस किया और संदिग्ध मोबाइल सिग्नल रिया पासवान के घर से मिला। इसके बाद दारोगा ब्रजेश कुमार कोतवाली पुलिस के साथ मौके पर छापेमारी के लिए पहुंचे।

जैसे ही पुलिस ने दरवाजा खटखटाया, इलाके में अफरा-तफरी मच गई। रिया पासवान और उसके साथियों ने जांच में सहयोग करने के बजाय पुलिस से उलझना शुरू कर दिया। आरोप है कि रिया ने पहले तो घर की तलाशी का विरोध किया, फिर अचानक अपने गिरोह के साथ पुलिस पर पत्थरों की बौछार कर दी। चीख-पुकार के बीच गलियां युद्धभूमि बन गईं। दारोगा ब्रजेश कुमार के साथ एक महिला दारोगा समेत पांच पुलिसकर्मी पत्थरों की मार से लहूलुहान हो गए।

घटना की सूचना मिलते ही कोतवाली थानेदार राजन कुमार फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। घायल पुलिसकर्मियों को आनन-फानन में न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए रिया पासवान सहित आधा दर्जन आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया है।

थानेदार राजन कुमार के मुताबिक रिया पासवान कोई पहली बार कानून से टकरा रही हो, ऐसा नहीं है। वह पहले भी पटना जंक्शन पर महिला टीटी के साथ मारपीट के मामले में जेल की हवा खा चुकी है और उस केस में चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है। "यह महिला शुरू से ही विवादित प्रवृत्ति की है, इलाके में दहशत फैलाने का काम करती है," राजन कुमार ने बताया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। लेकिन इस घटना ने पुलिस महकमे को हिला कर रख दिया है। जहां एक तरफ अपराधियों के हौसले बुलंद हैं, वहीं कानून के रखवालों पर खुलेआम हमला होना गंभीर चिंता का विषय बन चुका है।

कमला नेहरू नगर की यह वारदात पटना शहर में बढ़ते आपराधिक नेटवर्क और पुलिस पर गिरोहबाजों की दबंगई की कहानी बयां कर रही है। सवाल यह है कि आखिर कब तक असामाजिक तत्व यूं ही कानून को ठेंगा दिखाते रहेंगे और पुलिस खुद अपनी जान बचाने में लगी रहेगी?