Police Encouner:बिहार का 50 हजार का इनामी डॉन डब्लू यादव एनकाउंटर में ढेर,हम पार्टी के नेता की हत्या का था आरोपी, कत्ल और कहर का किंग हत्या-डकैती में वांछित
Police Encouner:बिहार के अपराध जगत का कुख्यात चेहरा, डब्लू यादव जिसका नाम सुनते ही बेगूसराय की गलियों में सिहरन दौड़ जाया करती थी आख़िरकार...

Police Encouner:बिहार के अपराध जगत का कुख्यात चेहरा, डब्लू यादव जिसका नाम सुनते ही बेगूसराय की गलियों में सिहरन दौड़ जाया करती थी आख़िरकार उत्तर प्रदेश के हापुड़ में पुलिस की गोलियों का शिकार बन गया। यह एनकाउंटर न केवल एक मोस्ट वांटेड अपराधी का अंत है, बल्कि वर्षों से चली आ रही न्याय की अधूरी कथा का भी निर्णायक अध्याय है।
डब्लू यादव, जो बिहार के बेगूसराय जिले का निवासी था, हत्या, अपहरण, लूटपाट जैसे जघन्य अपराधों का मास्टरमाइंड रहा है। उसका नाम हालिया चर्चित केस हम पार्टी के प्रखंड अध्यक्ष राकेश शाह के अपहरण और हत्या में सामने आया था। यह वही मामला था जिसने बेगूसराय की सड़कों को आक्रोश और आंसुओं से भर दिया था।
राकेश शाह की मां, शकुंतला देवी, अपने बेटे की तलाश में दर-दर भटकती रहीं और हर मंच से डब्लू यादव को “सरकश हत्यारा” कहकर पुकारा। उन्होंने उसे सार्वजनिक रूप से सज़ा देने या फांसी पर चढ़ाने की गुहार लगाई थी। उनके शब्द आज भी कानों में गूंजते हैं “मेरा बेटा ग़ायब नहीं हुआ, उसे निगल गया है डब्लू यादव जैसा दरिंदा।”
इस दर्दनाक घटना के बाद बेगूसराय के नेशनल हाईवे-31 पर जाम और जनाक्रोश की ज्वाला फूटी थी। लेकिन डब्लू यादव हमेशा की तरह कानून की पकड़ से बाहर रहा। पुलिस की नाकामी पर कई सवाल उठे, मगर इस बार सिस्टम ने जवाब दिया गोलियों की ज़ुबान में।
यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट और बिहार पुलिस को जैसे ही सूचना मिली कि डब्लू यादव हापुड़ के सिधावली थाना क्षेत्र में छिपा हुआ है, एक योजनाबद्ध ऑपरेशन शुरू हुआ। जब टीम ने उसे सरेंडर करने की चेतावनी दी, तो उसने दरिंदगी की पहचान देते हुए अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। मगर इस बार किस्मत ने उसका साथ छोड़ दिया।
जवाबी कार्रवाई में गोलियों की तड़तड़ाहट गूंजी और कुछ ही मिनटों में वो अपराध का अध्याय ख़ामोश हो गया, जिसकी कहानी ने दर्जनों परिवारों को तबाही के कगार पर ला खड़ा किया था। एनकाउंटर स्थल से पुलिस को एक अवैध तमंचा और कई जिंदा कारतूस मिले हैं, जो उसके काले कारनामों की गवाही दे रहे हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह ऑपरेशन महीनों की मेहनत और खुफिया जानकारी का नतीजा था। बिहार पुलिस के लिए यह एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है, क्योंकि डब्लू यादव का खात्मा एक लंबे समय से लटकते सवाल का उत्तर बन गया है।
अब जबकि डब्लू यादव की आपराधिक यात्रा का अंतिम पड़ाव आ चुका है, बेगूसराय की धरती पर एक अजीब सा सुकून पसरा है। लेकिन एक प्रश्न फिर भी तैर रहा है — क्या अब कानून के हाथ उन सारे गुनहगारों तक भी पहुँचेंगे, जो अभी भी अंधेरे में पल रहे हैं?
बिहार की फ़िज़ाओं में अभी भी बारिश है, पर आज वह बारिश इंसाफ़ की तरह महसूस हो रही है गरजती, बरसती और धो डालती हर दाग़दार निशान को।
कुलदीप भारद्वाज की रिपोर्ट