Patna Crime: महाकाल गिरोह का पर्दाफाश, दो कुख्यात हथियार तस्कर गिरफ्तार, सोशल मीडिया पर हथियार लहराकर फैलाते थे दहशत
Patna Crime:बिहार के अपराध जगत में ‘महाकाल गिरोह’ लंबे समय से आतंक और हथियारों की तस्करी का पर्याय बन चुका था।...
 
                            Patna Crime: बिहार के अपराध जगत में ‘महाकाल गिरोह’ लंबे समय से आतंक और हथियारों की तस्करी का पर्याय बन चुका था। पटना जिले के बिहटा और मनेर इलाके में सक्रिय इस गिरोह को पुलिस ने एक बार फिर करारी चोट दी है। छापेमारी में पुलिस ने गिरोह के दो कुख्यात सदस्यों विनीत कुमार और हरे राम सिंह को दबोच लिया। दोनों छोड़ाटाप, बिहटा के रहने वाले हैं।
पश्चिमी एसपी भानु प्रताप सिंह ने बताया कि सूचना थी कि गिरोह के लोग थोक में हथियार लाकर इलाके के बदमाशों को सप्लाई कर रहे हैं। यही नहीं, दहशत कायम रखने के लिए सोशल मीडिया पर महाकाल नाम से अकाउंट बना रखा था, जहां वे खुलेआम हथियार लहराते वीडियो डालते थे। यह रणनीति महज डर दिखाने के लिए नहीं, बल्कि अपने गिरोह का नेटवर्क बढ़ाने के लिए भी थी।
बिहटा और आईआईटी थानाध्यक्ष की टीम ने डीआईयू यूनिट के साथ मिलकर सोमवार रात छोड़ाटाप में धावा बोला। नतीजा – गिरोह के दोनों तस्कर गिरफ्त में आ गए। तलाशी में पुलिस ने उनके पास से 3 राइफल, एक रिवॉल्वर और 340 जिंदा गोलियां बरामद कीं। इनमें 12 बोर की 131, 7.65 एमएम की 110, .315 बोर की 80 और .32 बोर की 19 गोलियां शामिल हैं। इसके अलावा ₹5 लाख 7 हजार नगद, तीन बट कवर और तीन मोबाइल फोन भी जब्त किए गए।
जांच में खुलासा हुआ कि विनीत कुमार हथियार और कारतूस थोक में लाता और फिर खुदरा में इलाके के अपराधियों को बेचता था। यह गिरोह न सिर्फ सप्लाई करता था, बल्कि हथियारों की नुमाइश करके इलाके में अपनी धाक भी जमाता था। यही वजह है कि सोशल मीडिया पर इनके वीडियो अक्सर वायरल होते थे।
दोनों आरोपी पहले से ही आपराधिक इतिहास वाले हैं। विनीत कुमार को 2023 में रंगदारी और आर्म्स एक्ट में जेल भेजा गया था, जबकि हरे राम सिंह हत्या के केस में जेल की हवा खा चुका है। पुलिस की मानें तो इनके ऊपर पहले से कई केस दर्ज हैं और ये दोनों इलाके में सक्रिय गिरोह का अहम हिस्सा थे।
महाकाल गिरोह का जाल बड़ा है। जुलाई में पुलिस ने इसके सरगना सोनू कुमार और सुमित कुमार को गिरफ्तार किया था, जिनके पास से 80 कारतूस बरामद हुए थे। अब तक करीब 10 से 15 और सदस्यों की पहचान की जा चुकी है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही पूरे गिरोह को खत्म कर दिया जाएगा।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि गिरोह हथियार कहां से लाता था और किस नेटवर्क के जरिए बिहार तक सप्लाई करता था। पुलिस इस पूरे रैकेट की जड़ें खोज रही है। SSP का कहना है कि तस्करों को पकड़ना पहला कदम है, लेकिन गिरोह का आर्थिक और सप्लाई नेटवर्क तोड़ना ही पुलिस का असली मकसद है।
 
                 
                 
                 
                 
                 
                                         
                                         
                             
                             
                     
                     
         
                     
                     
                     
                     
                    