Budget 2025 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज मोदी 3.0 सरकार और साल 2025 का पहला बजट पेश करेंगी। यह उनका आठवां बजट होगा, जबकि देश के इतिहास में यह 79वां आम बजट होगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश किया। बजट पेश होने से एक दिन पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने सरकार के दृष्टिकोण को साझा करते हुए संकेत दिए कि इस बार गरीबों, मध्यम वर्ग और महिलाओं के लिए नई योजनाओं और पहलों की घोषणा हो सकती है। इससे आम जनता में बजट को लेकर उत्सुकता बढ़ गई है। लेकिन क्या आप जानते हैं बजट ब्रीफकेस हमेशा लाल क्यों होता? आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह...
लाल रंग के ब्रीफकेस का महत्व
बजट पेश करने की परंपरा के तहत इसे हमेशा लाल रंग के ब्रीफकेस में लाया जाता था। यह परंपरा ब्रिटिश काल से चली आ रही है। 1860 में ब्रिटिश चांसलर विलियम एवर्ट ग्लैडस्टोन ने रानी के मोनोग्राम के साथ लाल चमड़े का ब्रीफकेस पहली बार पेश किया था।
हिंदू धर्म में लाल रंग का धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म में लाल रंग को अत्यंत शुभ माना जाता है। यह रंग ध्यान आकर्षित करता है और सौभाग्य, समृद्धि तथा शुभता का प्रतीक है। धार्मिक ग्रंथों को ढकने के लिए भी लाल कपड़े का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा, मां लक्ष्मी का प्रिय रंग भी लाल ही माना जाता है। बजट, जो नई और अहम घोषणाओं के साथ देश के आर्थिक भविष्य को आकार देता है, इसलिए इसे लाल रंग के ब्रीफकेस में पेश करना शुभ माना जाता है। यह विश्वास है कि इस रंग की ऊर्जा और धन की देवी लक्ष्मी की कृपा से पूरे साल समृद्धि बनी रहती है।
परंपरा में बदलाव: बही-खाता और पेपरलेस बजट
2019 में निर्मला सीतारमण ने चमड़े के पारंपरिक ब्रीफकेस की जगह लाल कपड़े में लिपटे बही-खाते का इस्तेमाल शुरू किया। यह कदम औपनिवेशिक परंपराओं से अलग हटने का संकेत था। इसके अलावा, पिछले तीन वर्षों की तरह इस साल का बजट 2025-26 भी पूरी तरह पेपरलेस होगा, जो डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।
देश का पहला बजट
1947 से 2016 तक भारत में संसद में दो बजट पेश किए जाते थे—पहले रेल बजट, फिर अगले दिन आम बजट। इस परंपरा को 2017 में बदल दिया गया, जब रेल बजट और आम बजट को मिलाकर एक संयुक्त बजट पेश करने की प्रक्रिया शुरू की गई। अंग्रेजी हुकूमत से आजादी मिलने के बाद 26 नवंबर 1947 को भारत का पहला बजट पेश किया गया था, जिसे तत्कालीन वित्त मंत्री आर. के. षणमुखम चेट्टी ने संसद में प्रस्तुत किया था। हालांकि, भारत का पहला पूर्ण बजट आधिकारिक रूप से 28 फरवरी 1948 को पेश किया गया।
कुल कितने बजट हुए पेश?
अगर आंकड़ों की बात करें तो, 1947 से 2016 के बीच 73 आम बजट और 92 रेल बजट पेश किए गए। इन दोनों को मिलाकर कुल 165 बजट पेश किए गए। 2017 से 2025 तक के 9 संयुक्त बजट जोड़ने पर यह संख्या 174 तक पहुंच जाती है। इस तरह भारत में बजट पेश करने की परंपरा लगातार विकसित होती रही है, जो देश की आर्थिक नीतियों और प्रशासनिक ढांचे में आए बदलावों को दर्शाती है।c