National News: राज्य और असम पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में मुर्शिदाबाद से बांग्लादेश के प्रतिबंधित आतंकी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के दो सदस्य गिरफ्तार किए गए। पूछताछ में सामने आया है कि ये आतंकवादी 'सिलीगुड़ी चिकन नेक कॉरिडोर' को निशाना बनाकर पूरे देश में आतंक फैलाने की साजिश रच रहे थे।
अल कायदा से जुड़े इस संगठन ने शेख हसीना सरकार के पतन के बाद बांग्लादेश में अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। अब राज्य पुलिस ने उनकी इस साजिश का पर्दाफाश किया है। गिरफ्तार मिनारुल शेख और अब्बास अली मुर्शिदाबाद के साथ-साथ अलीपुरदुआर के युवाओं को भी संगठन में शामिल करने का काम कर रहे थे।
बंगाल एसटीएफ के अधिकारी के अनुसार, एबीटी पूरे भारत में स्लीपर सेल बनाने और युवा पीढ़ी को जिहाद के लिए उकसाने की कोशिश में जुटा है। सिलीगुड़ी कॉरिडोर को निशाना बनाकर वे भौगोलिक रूप से अहम इस क्षेत्र को अस्थिर करने और देश में आतंक फैलाने की योजना बना रहे हैं।"
भारत की जीवन रेखा और सुरक्षा चुनौतियाँ
सिलीगुड़ी कॉरिडोर भारत का एक अत्यंत महत्वपूर्ण भौगोलिक क्षेत्र है। यह एक संकीर्ण भूमि पट्टी है जो भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ती है। इसकी तुलना अक्सर मुर्गे की गर्दन से की जाती है, क्योंकि यह एक संकरा और लम्बा क्षेत्र है। यह कॉरिडोर नेपाल, भूटान और बांग्लादेश जैसे तीन देशों की सीमाओं से घिरा हुआ है, जिसके कारण इसकी रणनीतिक स्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है।
भौगोलिक महत्व
सिलीगुड़ी कॉरिडोर भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों, जिन्हें 'सात बहनें' कहा जाता है, का मुख्य प्रवेश द्वार है। इन राज्यों में अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा शामिल हैं।
यह क्षेत्र व्यापार और परिवहन के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग है। भारत के बाकी हिस्सों से उत्तर-पूर्वी राज्यों तक माल और लोगों का आवागमन इसी कॉरिडोर के माध्यम से होता है।
अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण, सिलीगुड़ी कॉरिडोर भारत की सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह क्षेत्र चीन के साथ सीमा के निकट होने के कारण भी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।
सुरक्षा चुनौतियाँ
आतंकवादी संगठन इस कॉरिडोर का उपयोग भारत में हथियार, ड्रग्स और नकली नोटों की तस्करी के लिए करते हैं। तीन देशों की सीमाओं का मिलन इस तरह की गतिविधियों के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करता है।एसटीएफ की जांच से पता चला है कि यह आतंकी मॉड्यूल हथियारों और गोला-बारूद की खरीद के माध्यम से देश में अस्थिरता पैदा करने और भारतीय राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रच रहा था। मॉड्यूल का उद्देश्य कट्टरपंथी समूहों को मजबूत कर राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता को कमजोर करना था। एसटीएफ ने मॉड्यूल के नेटवर्क की गहन जांच शुरू कर दी है ताकि इस आतंकवादी खतरे को पूरी तरह से खत्म किया जा सके। बंगाल एसटीएफ की यह कार्रवाई साबित करती है कि राज्य सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा और साम्प्रदायिक सौहार्द को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।