Delhi news: दिल्ली के सागरपुर और द्वारका जैसे इलाकों में दूषित पानी की आपूर्ति के मामले को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने जल मंत्री और मुख्यमंत्री आतिशी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने इसे दिल्लीवासियों के लिए बेहद चिंताजनक बताते हुए कहा कि कई क्षेत्रों में काले और गंदे पानी की आपूर्ति हो रही है। मालीवाल प्रतीकात्मक विरोध में एक बोतल में काला पानी लेकर मुख्यमंत्री आवास पहुंचीं और चेतावनी दी कि यदि अगले 15 दिनों में दिल्ली में साफ पानी की आपूर्ति सुनिश्चित नहीं की गई तो वह पूरे टैंकर में ऐसा दूषित पानी लेकर आएंगी।
मालीवाल ने सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा कि हर साल जनता को आश्वासन दिया जाता है, लेकिन सुधार नहीं होता। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोगों को प्रदूषित पानी पीने और उससे जुड़े स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री आतिशी लोगों के असली मुद्दों पर ध्यान देने के बजाय "हर दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस" में व्यस्त हैं, जो कि समाधान की दिशा में नहीं बल्कि प्रचार के लिए हैं।
अभी द्वारका विधानसभा के एक Retired Army officer के घर आई थी, महीनों से पूरे इलाक़े में गंदा बदबूदार पानी आ रहा है।
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) November 2, 2024
दिवाली पर CM @AtishiAAP ने इनके घर पर नल से सीधा Coca Cola सप्लाई करवाई है। हज़ारों परिवारों की दिवाली बर्बाद हो गई।
ये पानी की बोतल अभी दिवाली के गिफ्ट के रूप… pic.twitter.com/TJNEk4sb1l
AAP का बीजेपी पर पलटवार
दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के उपाध्यक्ष और आप विधायक विनय मिश्रा ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह सिविक एजेंसियों के कार्यों में हस्तक्षेप कर रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने जल आपूर्ति और सीवर सफाई जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को बाधित किया है, जिससे समस्याएं बढ़ रही हैं। मिश्रा ने दावा किया कि अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आने से समाधान की दिशा में तेजी से कदम उठाए जा रहे हैं।
मिश्रा के अनुसार, दिल्ली में जल संकट और दूषित पानी की समस्या के समाधान के लिए डीजेबी ने कड़ी मेहनत शुरू कर दी है। उनका कहना है कि बीजेपी के हस्तक्षेप ने दिल्ली के विभिन्न विभागों जैसे कि पेंशन, मोहल्ला क्लिनिक, अस्पतालों, और बस मार्शल सेवाओं पर भी नकारात्मक प्रभाव डाला है।
इस घटनाक्रम ने दिल्ली में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति और जल संकट को एक गंभीर मुद्दा बना दिया है, जो कि आने वाले दिनों में दिल्ली की राजनीति में एक अहम विषय बना रह सकता है।