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Waqf JPC : वक्फ संशोधन विधेयक पर शिया पर्सनल लॉ बोर्ड करेगा जेपीसी से मुलाकात, विपक्षी सांसदों की कई प्रावधान पर आपत्ति

लोकसभा ने वक्फ (संशोधन) बिल पर जेपीसी के कार्यकाल को बढ़ाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी और 2025 के बजट सत्र के अंत तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।जेपीसी से ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के साथ बैठक करेगी।

Waqf Amendment Bill
Shia Personal Law Board will meet JPC- फोटो : Social media

Waqf JPC : वक्फ विधेयक के संबंध में गठित संयुक्त संसदीय समिति आज यानी बुधवार को ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के साथ बैठक करेगी। यह बैठक आज तीन बजे संसद भवन एनेक्सी में आयोजित की जाएगी, जिसमें समिति वक्फ (संशोधन) विधेयक पर बोर्ड के विचार और सुझावों को सुनेगी। हाल ही में, दारुल उलूम देवबंद के प्रतिनिधिमंडल ने प्रस्तावित वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का विरोध किया है। सूत्रों के अनुसार, 11 दिसंबर को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के साथ बैठक के दौरान मौलाना अरशद मदनी ने लगभग दो घंटे तक बोलते हुए इस विधेयक के निहितार्थों पर गहरी चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि ये संशोधन लागू होते हैं, तो मुस्लिम पूजा स्थलों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

सूत्रों के अनुसार, दारुल उलूम देवबंद के प्रतिनिधिमंडल ने समिति के समक्ष 22 बिंदुओं के सुझाव प्रस्तुत किए, जिनमें बिल को अस्वीकार करने के कारणों का उल्लेख किया गया। यह बैठक जेपीसी के कार्यकाल के विस्तार के बाद आयोजित किया गया पहला सत्र था।मौलाना महमूद मदनी ने इस संशोधन पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, "भारत में अनेक प्राचीन मस्जिदें और पूजा स्थल हैं, और कई शताब्दियों के बाद, अब उनके मूल दाताओं या जानकारों का पता लगाना लगभग असंभव है। प्रस्तावित संशोधनों में कई महत्वपूर्ण कमियां हैं, जो उनकी वास्तविक मंशा पर प्रश्नचिह्न लगाती हैं।

हाल ही में, लोकसभा ने वक्फ (संशोधन) बिल पर जेपीसी के कार्यकाल को बढ़ाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी और 2025 के बजट सत्र के अंत तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। 5 दिसंबर को जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बताया कि ने बताया कि समिति ने अपने कार्यकाल के विस्तार से पहले दिल्ली में 27 बैठकें की थीं. इन बैठकों में कई हितधारकों और भारत सरकार के अलग-अलग मंत्रालयों के साथ चर्चाएँ शामिल थीं। वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में लंबे समय से चल रही समस्याओं जैसे कि गलत प्रबंधन, भ्रष्टाचार और अवैध कब्जे के कारण वक्फ एक्ट 1995 की आलोचना होती रही है। वक्फ (संशोधन) बिल, 2024 का उद्देश्य इन चुनौतियों का समाधान करना है, जिसमें डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट, पारदर्शिता में सुधार और अवैध रूप से कब्जाई गई संपत्तियों को पुनः प्राप्त करने के लिए कानूनी ढांचे में सुधार शामिल हैं।

सरकारी अधिकारी, कानूनी विशेषज्ञ, वक्फ बोर्ड के सदस्य और विभिन्न राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के सामुदायिक प्रतिनिधियों के साथ बातचीत कर जेपीसी कानून में व्यापक बदलाव सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है।

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