JPC Report on Waqf Bill: संसद में वक्फ बिल पर गुरुवार को जेपीसी रिपोर्ट पेश होते ही जोरदार हंगामा होने लगा. विपक्ष ने केंद्र सरकार पर अलोकतांत्रिक रवैया अपनाने का आरोप लगाया. नतीजा रहा कि लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के हंगामे के कारण सदन को दोपहर दो बजे तक स्थगित किया गया. वहीं राज्यसभा में भी वैसी ही स्थिति देखी गई. दोनों सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.
वहीं राज्यसभा में भाजपा सांसद मेधा कुलकर्णी ने वक्फ बिल पर जेपीसी रिपोर्ट पेश की. इस पर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- जेपीसी की यह रिपोर्ट फर्जी है. इसमें विपक्ष की असहमतियों को डिलीट कर दिया गया. ये असंवैधानिक है. विपक्ष ने अपने स्तर से जो भी सिफारिश जेपीसी में की थी उसे पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया. यहाँ तक कि कि उसकी प्रतियां भी नहीं रखी गई है ताकि लोगों को यह पता चल सके कि विपक्ष ने क्या क्या सिफारिश की थी.
दरअसल, JPC ने 30 जनवरी को ड्रॉफ्ट रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सौंप दी थी. 655 पन्नों की यह रिपोर्ट है. 6 सदस्यों ने इसके पक्ष में वोट डाला. वहीं 11 सदस्यों ने इसका विरोध किया. ऐसे में अब संसद के बजट सत्र का आज आखिरी दिन है और अब जेपीसी रिपोर्ट पेश किया गया है. विपक्ष ने अब फिर से इसे जेपीसी को भेजने की मांग की है.
हालाँकि अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि जेपीसी रिपोर्ट में कुछ भी नहीं हटाया गया है। मैं बाहर गया और जेपीसी चेयरमैन सर से बात की. उनसे कंफर्म किया, नियम के मुताबिक, जेपीसी रिपोर्ट को बिना कुछ काट छांट के टेबल किया गया. आज ये हंगामा क्यों कर रहे हैं. ये किस आधार पर आरोप लगा रहे हैं.