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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में AAP की हार की वजह बनी ये 5 चीजें, प्रशांत किशोर ने चुन-चुन कर गिनाई केजरीवाल की गलतियां

दिल्ली चुनाव 2025 में AAP की हार पर प्रशांत किशोर ने केजरीवाल के फैसलों और गवर्नेंस की कमजोरियों को जिम्मेदार ठहराया। क्या AAP भविष्य में वापसी कर पाएगी?

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में AAP की हार की वजह बनी ये 5 चीजें, प्रशांत किशोर ने चुन-चुन कर गिनाई केजरीवाल की गलतियां
Prashant kishore - फोटो : social media

Delhi Elections Result 2025: 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election 2025) में आम आदमी पार्टी (AAP) को एक बड़ी हार का सामना करना पड़ा, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 27 साल बाद सत्ता में वापसी की। यह चुनावी नतीजे दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव लेकर आए हैं, और इस पर कई राजनीतिक विशेषज्ञ अपनी राय दे रहे हैं। प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) ने AAP की हार के कारणों पर प्रकाश डालते हुए अरविंद केजरीवाल के कुछ फैसलों की आलोचना की है।

प्रशांत किशोर के अनुसार AAP की हार के प्रमुख कारण

1. एंटी-इनकंबेंसी फैक्टर: AAP ने 10 वर्षों तक दिल्ली में शासन किया, और इस लंबे समय तक सत्ता में रहने के बाद एंटी-इनकंबेंसी (anti-incumbency) का असर इस चुनाव में साफ दिखाई दिया। जनता में सरकार के प्रति असंतोष बढ़ा, जो नतीजों में परिलक्षित हुआ।

2. केजरीवाल का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा: प्रशांत किशोर के अनुसार, अरविंद केजरीवाल का लिकर स्कैम के बाद जेल जाने और फिर इस्तीफा देने का निर्णय पार्टी के लिए घातक साबित हुआ। इससे जनता में पार्टी की छवि और नेतृत्व क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। इस निर्णय ने AAP की स्थिति को कमजोर कर दिया और उनके नेतृत्व की क्षमता पर सवाल खड़े किए गए।

3. गवर्नेंस की समस्याएं: दिल्ली में जलभराव और खराब सड़कों की समस्याओं ने AAP के गवर्नेंस मॉडल को कमजोर किया। जनता ने सरकार की प्रशासनिक नीतियों पर सवाल उठाए, जो चुनाव परिणाम में दिखा।

4. राजनीतिक अस्थिरता: AAP का INDIA गठबंधन में शामिल होना और फिर अलग हो जाना, पार्टी की विश्वसनीयता पर बुरा प्रभाव डालने वाला रहा। इस अस्थिरता के कारण AAP को नुकसान हुआ, और उनके विरोधियों ने इसका फायदा उठाया।

5. वोट शेयर में गिरावट: AAP का वोट शेयर लगभग 8-9% तक घट गया, जिससे कई सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। यह गिरावट इस बात का संकेत है कि पार्टी का समर्थन आधार कमजोर हुआ है।

क्या AAP फिर से वापसी कर सकती है?

प्रशांत किशोर का मानना है कि AAP की यह हार भले ही एक बड़ा झटका हो, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि पार्टी पूरी तरह खत्म हो गई है। उन्होंने कहा कि हार-जीत लोकतंत्र का हिस्सा है और AAP के पास भविष्य में वापसी करने का अवसर है। पार्टी को अपने गवर्नेंस और संगठनात्मक ढांचे पर ध्यान देना होगा, और गुजरात जैसे राज्यों में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश करनी चाहिए।

प्रशांत किशोर ने यह भी बताया कि कांग्रेस नेताओं के अनुसार, AAP के कई विधायक उनके संपर्क में हैं, लेकिन अभी किसी बड़े संकट की संभावना नहीं है। उन्होंने AAP को सुझाव दिया कि पार्टी को अपनी गवर्नेंस और संगठन दोनों स्तरों पर सुधार लाने की जरूरत है, ताकि वे भविष्य में मजबूत होकर उभर सकें।

भविष्य की रणनीति और राजनीतिक संभावनाएं

प्रशांत किशोर के अनुसार, AAP की हार के पीछे मुख्य कारण एंटी-इनकंबेंसी, गवर्नेंस से जुड़ी समस्याएं, और राजनीतिक फैसलों में हुई गलतियां रही हैं। हालांकि, पार्टी की वापसी संभव है, बशर्ते वह सही रणनीति अपनाए। वहीं, कांग्रेस अभी भी दिल्ली में तीसरे स्थान पर बनी हुई है, और उनके लिए वापसी की संभावना कम दिखाई दे रही है। BJP की सत्ता में वापसी ने यह स्पष्ट किया है कि दिल्ली की राजनीति में बड़े बदलाव आने वाले समय में हो सकते हैं।

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