Basant Panchami 2025: पूरे देश में वसंत पंचमी का पर्व कल यानी 3 फरवरी को धूमधाम से मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। इस दिन को मां सरस्वती के प्राकट्य दिवस के रूप में भी जाना जाता है। स्कूल, कॉलेज सहित चौक चौराहों पर माँ सरस्वती की प्रतिमा को रखकर पूजा पाठ की जाएगी। आइए जानते है माँ सरस्वती की पूजा की विधि।
वसंत पंचमी का पौराणिक महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, वसंत पंचमी के दिन भगवान ब्रह्मा ने अपने कमंडल से जल छिड़ककर मां सरस्वती को उत्पन्न किया। इस कारण, घरों, मंदिरों और शिक्षण संस्थानों में मां सरस्वती की भव्य पूजा का आयोजन किया जाता है।
देवी सरस्वती की कृपा पाने के लिए करें ये उपाय
1. विधिपूर्वक मां सरस्वती की पूजा करें।
2. माता सरस्वती के मंत्रों का जाप करें।
3. मां सरस्वती को हल्दी और पीले फूल अर्पित करें।
4. खीर का भोग लगाकर देवी को अर्पित करें।
5. पूजा में कलम अवश्य अर्पित करें, जिससे ज्ञान और बुद्धि का आशीर्वाद मिले।
वसंत पंचमी की पूजा विधि
पूजा स्थल पर एक चौकी रखें और उस पर पीला वस्त्र बिछाएं।
मां सरस्वती की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
देवी को पीले वस्त्र, फूल, रोली, केसर, हल्दी और चंदन अर्पित करें।
मिठाई का भोग लगाकर दीप जलाएं और मंत्र जाप करें।
अंत में आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
वसंत पंचमी पर करें यह वास्तु उपाय
विद्यार्थियों को पूर्व, उत्तर या पूर्वोत्तर दिशा में बैठकर अध्ययन करना चाहिए।
जिन छात्रों को पढ़ाई में कठिनाइयाँ आ रही हैं, वे ‘ॐ ऐं सरस्वत्यै ऐं नमः’ मंत्र का जाप करें।
मंत्र जाप स्वच्छ आसन पर बैठकर, पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके करना चाहिए।
छोटे बच्चों के लिए ‘अक्षराम्भ’ करना शुभ होता है, जिसमें पहली बार स्लेट पर कुछ लिखवाया जाता है।
मां सरस्वती को लगाएं इन चीजों का भोग
वसंत पंचमी के शुभ दिन पर ज्ञान की देवी मां सरस्वती को मीठे चावल का भोग लगाएं। आप चावल को मीठा बनाने के लिए इसमें गुड़ का उपयोग भी कर सकते हैं, इससे देवी प्रसन्न होती हैं। इसके अलावा उन्हें केसर भात, बेसन के लड्डू, पीली मिठाई और फलों का भोग भी लगा सकते हैं।
वसंत पंचमी का महत्व
वसंत पंचमी का पर्व ज्ञान और संगीत से जुड़े लोगों के लिए विशेष होता है। इस दिन शिक्षक और विद्यार्थी मिलकर मां सरस्वती की आराधना करते हैं। देवी से विद्या, बुद्धि और कला में निपुणता का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यह दिन बेहद पवित्र माना जाता है।