Religion: दुनिया में कई धर्म हैं, जो विभिन्न संस्कृतियों, परंपराओं और विश्वास प्रणालियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनमें से कुछ धर्म प्राचीन काल से अस्तित्व में हैं, जबकि अन्य आधुनिक युग में विकसित हुए हैं। दुनिया में धर्मों की कुल संख्या लगभग 300 से अधिक है, लेकिन मुख्य रूप से पांच धर्मों का प्रचलन है: हिन्दू, जैन, बौद्ध, ईसाई, इस्लाम और सिख। इसके अतिरिक्त, कई अन्य धर्म भी हैं जो अपने अस्तित्व को बनाए रखे हुए हैं, जबकि कुछ धर्म समय के साथ समाप्त हो चुके हैं। आइए जानते हैं कि वे कौन से धर्म हैं।
सनातन धर्म-'सनातन' का शाब्दिक अर्थ है - शाश्वत या 'सदा बना रहने वाला', अर्थात जिसका न आदि है नच5 अन्त। सनातन धर्म, जिसे हिन्दू धर्म या वैदिक धर्म के नाम से भी जाना जाता है, को विश्व के सबसे प्राचीन धर्मों में से एक माना जाता है। भारत की सिंधु घाटी सभ्यता में हिन्दू धर्म के कई प्रतीक पाए जाते हैं। यह धर्म ज्ञात रूप से लगभग 12000 वर्ष पुराना है, जबकि कुछ पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह धर्म 90 हजार वर्ष पुराना है।
सनातन धर्म के अनुयायियों की सेख्या लगभग 1 अरब 20 लाख है। कर्म और पुनर्जन्म का सिद्धांत के साथ यह बहुदेववादी होने के साथ-साथ अद्वैतवाद जैसे दर्शन को भी मानता है। सनातन धर्म में पंच देव की पूजा का विधान है।
ईसाई धर्म -ईसाई धर्म के 2 बिलियन से ज़्यादा अनुयायी हैं। ईसाई धर्म यीशु मसीह के जन्म, जीवन, मृत्यु और पुनरुत्थान से जुड़ी मान्यताओं पर आधारित है। हालाँकि इसकी शुरुआत अनुयायियों के एक छोटे समूह से हुई थी।ईसाई धर्म या मसीही धर्म या मसयहयत विश्व के प्रमुख धर्मों में से एक है जिसके ताबईन ईसाई कहलाते हैं। ईसाई धर्म के पैरोकार ईसा मसीह की तालीमात पर अमल करते हैं। ईसाईओं में बहुत से समुदाय हैं मसलन कैथोलिक, प्रोटैस्टैंट, आर्थोडोक्स, मॉरोनी, एवनजीलक आदि। 'ईसाई धर्म' के प्रवर्तक ईसा मसीह (जीसस क्राइस्ट) थे, जिनका जन्म रोमन साम्राज्य के गैलिली प्रान्त के नज़रथ नामक स्थान पर 6 ई. पू. में हुआ था। यह धर्म यीशु मसीह को भगवान का पुत्र मानता है और उनके उपदेशों पर आधारित है। इसमें प्रेम, क्षमा और उद्धार पर जोर दिया गया है।प्रमुख शाखाएँ: कैथोलिक, प्रोटेस्टेंट, ऑर्थोडॉक्स
इस्लाम -इस्लाम एक इब्राहीमी पन्थ है, जो प्रेषित परम्परा से निकला एकेश्वरवादी पन्थ है।इसकी शुरुआत 7वीं सदी के अरबी प्रायद्वीप में हुई है। इस्लामी परम्परा के अनुसार अल्लाह के अन्तिम पैगम्बर मुहम्मद के द्वारा मनुष्यों तक पहुँचाई गई अवतरित किताब कुरान की शिक्षा पर आधारित है, तथा इसमें हदीस, सीरत उन-नबी व शरीयत ग्रन्थ शामिल हैं। इस्लाम में सुन्नी, शिया, सूफ़ी व अहमदिया समुदाय प्रमुख हैं। इस्लाम की मजहबी स्थल मस्जिद कहलाती हैं। अनुयाइयों की कुल आबादी के अनुसार इस्लाम विश्व का दूसरा सबसे बड़ा पन्थ है। विश्व में आज लगभग 1.9 अरब (या 190 करोड़) से 2.0 अरब (200 करोड़) मुसलमान हैं[1]। इनमें से लगभग 85% सुन्नी और लगभग 15 फीसदी शिया हैं। सबसे अधिक मुसलमान दक्षिण पूर्व एशिया और दक्षिण एशिया के देशों में रहते हैं। मध्य पूर्व, अफ़्रीका और यूरोप में भी मुसलमानों के बहुत समुदाय रहते हैं। विश्व में लगभग 56 देश ऐसे हैं जहाँ मुसलमान बहुसंख्यक हैं। विश्व में कई देश ऐसे भी है।मुख्य ग्रंथ कुरान है। यह एकेश्वरवादी धर्म है जिसमें अल्लाह को सर्वोच्च माना जाता है। पाँच स्तंभ (नमाज़, रोज़ा, ज़कात, हज और शहादत) इसके मुख्य आधार हैं।इस की दो शाखाएं सुन्नी और शिया हैं।
बौद्ध धर्म -बौद्ध धर्म भारत की श्रमण परम्परा से निकला धर्म और दर्शन है. इसके प्रस्थापक महात्मा बुद्ध शाक्यमुनि (गौतम बुद्ध) थे. वे 563 ईसा पूर्व से 483 ईसा पूर्व तक रहे. ईसाई और इस्लाम धर्म से पहले बौद्ध धर्म की उत्पत्ति हुई थी. दोनों धर्म के बाद यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है. इस धर्म के अनुयायियों की संख्या लगभग 500 मिलियन है और चार आर्य सत्य और अष्टांगिक मार्ग पर आधारित जीवन जीने का संदेश देता है। निर्वाण प्राप्त करना इसका अंतिम लक्ष्य है। सिख धर्म के संसिख धर्म (15वीं सदी में जिसकी शुरुआत गुरु नानक देव जी ने की थी। सिखों के धार्मिक ग्रन्थ श्री आदि ग्रंथ साहिब या गुरु ग्रन्थ साहिब तथा दसम ग्रन्थ हैं। सिख धर्म में इनके धार्मिक स्थल को गुरुद्वारा कहते हैं। आमतौर पर सिखों के दस सतगुरु माने जाते हैं, लेकिन सिखों के धार्मिक ग्रंथ में छः गुरुओं सहित तीस भगतों की बानी है, जिन की सामान शिक्षाओं को सिख मार्ग पर चलने के लिए महत्त्वपूर्ण माना जाता है।
यहूदी धर्म -इसके संस्थापक अब्राहम हैं और मुख्य ग्रंथ तनख़/तोरा है। इसके अनुयायियों की संख्या लगभग 15 मिलियन है। यहूदी धर्म या यूदावाद विश्व के प्राचीनतम धर्मों में से है। दुनिया का प्रथम एकेश्वरवादी धर्म माना जाता है। इस्राइल और हिब्रू भाषियों का राजधर्म है। इस धर्म में ईश्वर और उसके नबी यानि पैग़म्बर की मान्यता प्रधान है। इनके धार्मिक ग्रन्थों में तनख़, तालमुद तथा मिद्रश प्रमुख हैं।यह एक प्राचीन एकेश्वरवादी धर्म है जो नैतिकता और धार्मिक कानूनों पर आधारित है।
जैन धर्म - जैन धर्म श्रमण संस्कृति से निकला धर्म है। इसके प्रवर्तक हैं २४ तीर्थंकर हैं, जिनमें प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव (आदिनाथ) तथा अन्तिम तीर्थंकर भगवान वर्धमान महावीर हैं। जैन ईश्वर को मानते हैं जो सर्व शक्तिशाली त्रिलोक का ज्ञाता द्रष्टा है पर त्रिलोक का कर्ता नही | जैन धर्म में जिन या अरिहन्त और सिद्ध को ईश्वर मानते हैं। अरिहंतो और केवलज्ञानी की आयुष्य पूर्ण होने पर जब वे जन्ममरण से मुक्त होकर निर्वाण को प्राप्त करते है तब उन्हें सिद्ध कहा जाता है। उन्हीं की आराधना करते हैं और उन्हीं के निमित्त मंदिर आदि बनवाते हैं। जैन धर्म का मुख्य ग्रंथ आगम साहित्य है और अनुयायियों की संख्या लगभग 4–5 मिलियन है।