Religion: बढ़ी सर्दी में मंदिरों में भगवान के लिए ऊनी वस्त्र, रज़ाइयों से लेकर हीटर तक की खास व्यवस्था

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बढ़ी सर्दी में मंदिरों में भगवान के लिए ऊनी वस्त्र, रज़ाइयों से लेकर हीटर तक की खास व्यवस्था- फोटो : reporter

Religion: बिहार के मुंगेर में ठंड का असर अब केवल लोगों के दैनिक जीवन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि मंदिरों में भगवान की सेवा और श्रृंगार में भी इसका स्पष्ट प्रभाव दिखने लगा है। सर्द हवाओं के बीच भक्त और पुजारी भगवान की मूर्तियों को गर्माहट और आराम देने के लिए खास इंतज़ाम कर रहे हैं। कहीं ऊनी स्वेटर और मोटे वस्त्र पहनाए जा रहे हैं, तो कहीं छोटी-छोटी रज़ाइयों और कंबलों का इंतज़ाम किया गया है। कई प्रमुख मंदिरों में हीटर तक लगा दिए गए हैं ताकि विग्रह को ठंड न लगे।

कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित प्रसिद्ध हनुमान मंदिर के महंत रमाकांत झा बताते हैं कि “मौसम भगवान का बनाया हुआ है, और जब मौसम बदलता है, तो भगवान की मूर्तियों को भी उसी अनुसार आराम देना भक्तों का कर्तव्य है।” उन्होंने कहा कि हनुमान जी के लिए ऊनी वस्त्र, कंबल और हीटर की विशेष व्यवस्था की गई है। भोग में भी बदलाव करते हुए अब सर्दी के अनुरूप गरमाहट देने वाले व्यंजनों को शामिल किया गया है।

केवल एक मंदिर ही नहीं, बल्कि मुंगेर के बड़ा महावीर स्थान, जमालपुर हनुमान मंदिर सहित कई धार्मिक स्थलों पर भक्त अपने-अपने विश्वास और आस्था के अनुसार विग्रहों को सर्दी का विशेष श्रृंगार कर रहे हैं। घरों में भी लड्डू गोपाल समेत अन्य देवताओं को गर्म कपड़े पहनाने की परंपरा तेज़ी से देखने को मिल रही है।

भक्तों का मानना है कि मौसम के मुताबिक भगवान की सेवा करना केवल परंपरा नहीं, बल्कि प्रेम और भक्ति का जीता-जागता संदेश है। ठंड बढ़ते ही जैसे लोग अपने परिवार के सदस्यों का ध्यान रखते हैं, वैसे ही अपने इष्टदेव को भी गर्माहट और आराम देना उनके लिए सबसे बड़ा आध्यात्मिक सुख है।

मुंगेर में इस तरह की भावनात्मक और परंपरागत सेवा यह दर्शाती है कि यहां की आस्था सिर्फ पूजा-पाठ तक सीमित नहीं, बल्कि मौसम बदलने पर भगवान की सुविधा और खुशहाली की भी उतनी ही चिंता की जाती है।

रिपोर्ट- मो. इम्तियाज खान