Bihar New Coaching Policy: सरकारी टीचर अब कोचिंग में नहीं पढ़ाएंगे, बिहार में कोचिंग सिस्टम पर बड़ा एक्शन, संस्थानों को अब ये काम करना हीं होगा..
Bihar New Coaching Policy: नए साल में बिहार की शिक्षा व्यवस्था एक बड़े बदलाव की दहलीज़ पर खड़ी है। नई कोचिंग नीति को अंतिम रूप देने में शिक्षा विभाग पूरी तरह जुट चुका है। ...
Bihar New Coaching Policy: नए साल में बिहार की शिक्षा व्यवस्था एक बड़े बदलाव की दहलीज़ पर खड़ी है। नई कोचिंग नीति को अंतिम रूप देने में शिक्षा विभाग पूरी तरह जुट चुका है। विभाग का लक्ष्य है कि इसी माह नीति को संशोधित कर कैबिनेट से स्वीकृति के लिए भेज दिया जाए, ताकि आगामी शैक्षणिक सत्र 2026-27 (अप्रैल) से पूरे राज्य में इसे लागू किया जा सके। विधानसभा चुनाव के पहले यह प्रस्ताव कैबिनेट भेजा गया था, लेकिन कुछ बिंदुओं में संशोधन की आवश्यकता बताकर इसे लौटा दिया गया था। अब विभाग ने सभी सुधारों को शामिल करते हुए नीति को लगभग तैयार कर लिया है।
नई संशोधित नीति की सबसे बड़ी कार्रवाई यह है कि कोई भी सरकारी शिक्षक किसी भी कोचिंग संस्थान में पढ़ा नहीं सकेगा। यदि किसी शिक्षक के खिलाफ साक्ष्य मिलता है कि वह कोचिंग में पढ़ा रहा है, तो विभाग सीधे कार्रवाई करेगा। साथ ही किसी सरकारी स्कूल या सरकारी भवन के पास कोचिंग संचालित करने पर भी रोक होगी। पहले की नियमावली में यह प्रावधान स्पष्ट नहीं था।
नई नीति के अनुसार, स्कूल के संचालन समय में किसी भी कोचिंग का संचालन नहीं होगा।हर जिले में डीएम की अध्यक्षता में एक जिला निबंधन समिति बनेगी, जो कोचिंग संस्थानों को रजिस्ट्रेशन की मंजूरी देगी। निबंधन के समय ही कोचिंग को अपने सभी कोर्स की पूरी फीस संरचना सार्वजनिक करनी होगी।
नई नीति में फीस को लेकर सख्ती बढ़ाई गई है, निर्धारित फीस को सार्वजनिक करना अनिवार्य होगा, अनाप-शनाप फीस वसूलने पर जांच कर सीधी कार्रवाई, बिना निबंधन कोचिंग चलाने वालों पर कानूनी कार्रवाई, निबंधन के समय दिए गए दावों के अनुरूप संचालन नहीं होने पर रजिस्ट्रेशन रद्द, समय-समय पर रैंडम जांच भी की जाएगी
बिहार सरकार को उम्मीद है कि इस नई कोचिंग नीति से शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ेगी, कोचिंग माफियागिरी पर लगाम लगेगी और विद्यार्थियों तथा अभिभावकों को एक सुरक्षित, समुचित और किफायती वातावरण मिलेगा।बहरहाल नई नीति का संदेश साफ है कि बिहार में कोचिंग चलेगी, लेकिन नियम से, न कि मनमर्जी से।