School Exam: बिहार में अब कक्षा 1 से 8वीं तक की वार्षिक परीक्षा भी बिहार बोर्ड की मैट्रिक-इंटर परीक्षा की तरह ही होगी। परीक्षा के दौरान दूसरे स्कूल के शिक्षक निगरानी करेंगे और कॉपी भी दूसरे स्कूल के शिक्षक जांचेंगे। कॉपी की जांच प्रखंड व मुख्यालय द्वारा निर्धारित कॉम्प्लेक्स सेंटर में होगी। जिला मुख्यालय से सीसीटीवी से कॉपी जांचने वाले केंद्र की मॉनीटरिंग होगी।बिहार बोर्ड ने मैट्रिक और इंटर की परीक्षाओं की तरह ही अब कक्षा 1 से 8वीं तक की वार्षिक परीक्षाओं में भी कई बदलाव किए हैं। नए नियमों के अनुसार
निगरानी और कॉपी जांच: परीक्षा के दौरान निगरानी दूसरे स्कूल के शिक्षक करेंगे और कॉपी भी दूसरे स्कूल के शिक्षक ही जांचेंगे।
कॉपी जांच केंद्र: कॉपी की जांच प्रखंड और मुख्यालय द्वारा निर्धारित कॉम्प्लेक्स सेंटर में होगी। जिला मुख्यालय से सीसीटीवी के माध्यम से कॉपी जांचने वाले केंद्र की निगरानी की जाएगी।
गोपनीयता: किस स्कूल की कॉपी कौन जांच रहा है, इसकी जानकारी अन्य शिक्षकों को नहीं होगी।
प्रश्न समझने में मदद: यदि छात्रों को प्रश्न समझने में कठिनाई होती है, तो शिक्षक उनकी सहायता करेंगे।
परीक्षा तिथि और परिणाम: कक्षा 1 से 8वीं तक की परीक्षा 10 से 19 मार्च के बीच होगी और परिणाम 29 मार्च को घोषित किया जाएगा।
मिड-डे मील: परीक्षा के दिनों में छात्रों को मिड-डे मील भी दिया जाएगा।
प्रश्नपत्र वितरण: प्रश्नपत्र 5-6 मार्च को जिला मुख्यालय से प्रखंड मुख्यालय तक पहुंचेंगे। इसके लिए प्रत्येक प्रखंड को 3500 रुपए दिए जाएंगे। 8 मार्च तक सभी स्कूलों में प्रश्नपत्र पहुंच जाएंगे। परीक्षा के दिन प्रश्नपत्र का वितरण हेडमास्टर की निगरानी में होगा।
छात्रों की उपस्थिति: जिन छात्रों की परीक्षा जिस पाली में होगी, केवल वही स्कूल आएंगे। अन्य छात्र घर पर रहकर तैयारी करेंगे।
बैठने की व्यवस्था: परीक्षा में एक सीट पर केवल 2 छात्र बैठेंगे और उनके बीच की दूरी कम से कम 2 फीट होगी।
सामग्री: छात्रों को पेंसिल, रबड़, कटर, कलम, कार्ड बोर्ड आदि स्वयं लाने होंगे।
उत्तरपुस्तिका: कॉपी की जांच के बाद उत्तरपुस्तिका छात्रों को दी जाएगी, जिसे वे अपने माता-पिता को दिखाएंगे।
परीक्षा में सी, डी और ई ग्रेड पाने वाले छात्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।