UPSC Success Story: दिन में नौकरी, रात में पढ़ाई! बिना कोचिंग के इस लड़की ने हासिल की 6वीं रैंक और बन गई IAS
UPSC Success Story: दिल्ली की सृष्टि डबास ने बिना कोचिंग के UPSC 2023 में हासिल की 6वीं रैंक, मां के संघर्ष से मिली प्रेरणा, RBI लाइब्रेरी का किया इस्तेमाल और आत्म-अनुशासन से हासिल की सफलता

UPSC Success Story: संघर्ष और सफलता की मिसाल बनी दिल्ली की सृष्टि डबास ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 में 6वीं रैंक हासिल कर अपनी मेहनत और लगन की मिसाल कायम की है। खास बात यह है कि उन्होंने बिना किसी कोचिंग के यह सफलता हासिल की। दिन में काम और रात में पढ़ाई करके उन्होंने अपने सपने को साकार किया।
13 अक्टूबर 1998 को जन्मी सृष्टि डबास का जीवन आसान नहीं था। उनके माता-पिता अलग हो गए, जिसके बाद उनकी मां ने उन्हें अकेले ही पाला। जीवन की कठिन परिस्थितियों से लड़ते हुए उनकी मां ने कभी हार नहीं मानी और यही जज्बा सृष्टि में भी आया। उन्होंने बचपन से ही तय कर लिया था कि वह अपनी मां का जीवन बेहतर बनाएंगी और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने वाली अधिकारी बनेंगी।
सृष्टि ने अपनी पढ़ाई और नौकरी के बीच संतुलन बनाए रखा। वह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मुंबई में ग्रेड-II एचआर कर्मचारी के रूप में कार्यरत थीं। इससे पहले वह सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में भी कार्यरत थीं। दिन में ऑफिस का काम और रात में पढ़ाई करना आसान नहीं था, लेकिन उनकी मेहनत रंग लाई। अपनी व्यस्त दिनचर्या के बावजूद सृष्टि ने पढ़ाई के लिए अलग से समय निकाला। उन्होंने आरबीआई लाइब्रेरी का पूरा लाभ उठाया और लंच ब्रेक में भी किताबें पढ़ीं। सृष्टि का मानना है कि यूपीएससी की तैयारी में आत्म-अनुशासन सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने किसी कोचिंग पर निर्भर रहने के बजाय अपनी रणनीति पर भरोसा किया और अलग-अलग किताबों और अखबारों से पढ़ाई की।
सृष्टि डबास ने यूपीएससी 2023 परीक्षा में कुल 1048 अंक हासिल किए। उन्होंने लिखित परीक्षा में 862 अंक और साक्षात्कार (व्यक्तित्व परीक्षण) में 186 अंक हासिल किए। इस शानदार प्रदर्शन के आधार पर उन्होंने देश में छठी रैंक हासिल की और टॉपर्स की सूची में जगह बनाई। सृष्टि ने यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्रों को कोचिंग के नोट्स पर निर्भर न रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि विभिन्न अखबारों और किताबों से जानकारी जुटाएं और आत्म-अनुशासन बनाए रखें। उनके मुताबिक सही रणनीति और कड़ी मेहनत से बिना कोचिंग के भी यूपीएससी में सफलता हासिल की जा सकती है।
सृष्टि डबास की यह सफलता उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं। उन्होंने साबित कर दिया कि अगर इरादा मजबूत हो और सही दिशा में मेहनत की जाए तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उनकी कहानी यह संदेश देती है कि परिस्थितियां कैसी भी हों, हिम्मत और मेहनत ही सफलता की कुंजी है।