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वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स की शुरुआत,छात्रों को मिलेंगे नए अवसर

नई शिक्षा नीति के तहत वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के दो संस्थानों में चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स की शुरुआत होने जा रही है। जानें कैसे यह कोर्स छात्रों के लिए फायदेमंद होगा।

वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स की शुरुआत,छात्रों को मिलेंगे नए अवसर
veer kunwar singh university- फोटो : social media

veer kunwar singh university: नई शिक्षा नीति के तहत वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय (वीकेएसयू) में अब एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। विश्वविद्यालय के धरीक्षण सिंह टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज (भोजपुर) और शहीद रविकांत मेमोरियल बीएड कॉलेज (बक्सर) में जल्द ही चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड (ITEP) कोर्स की शुरुआत होगी। इस कोर्स के माध्यम से वे विद्यार्थी, जो शिक्षक बनने की इच्छा रखते हैं, सीधे 12वीं कक्षा के बाद ही इसमें दाखिला लेकर चार साल के भीतर ही बीएड की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं।

इस कोर्स को शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, क्योंकि यह विद्यार्थियों को एक मजबूत शैक्षिक आधार प्रदान करेगा। इसके साथ ही, विद्यार्थियों को एक विस्तृत अनुभव और व्यावसायिक दक्षता भी प्राप्त होगी, जिससे वे भविष्य में एक सफल शिक्षक बन सकें।

संस्थानों की तैयारी

धरीक्षण सिंह टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज के सचिव सिद्धनाथ सिंह ने बताया कि चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स को शुरू करने के लिए 20 मानक निर्धारित किए गए थे, जिन्हें सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। कॉलेज को विश्वविद्यालय से अनापत्तिक प्रमाण पत्र (NOC) भी मिल चुका है, जिसे अब नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (NCTE) को भेजा जाएगा।एनसीटीई से मान्यता प्राप्त होने के बाद, इस कोर्स को विश्वविद्यालय से संबद्ध किया जाएगा और फिर अगले सत्र से इसकी पढ़ाई शुरू होगी।

इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स की विशेषताएं

चार साल का पाठ्यक्रम: विद्यार्थी 12वीं के बाद सीधे इस कोर्स में दाखिला ले सकते हैं और चार साल के भीतर ही अपनी बीएड की डिग्री पूरी कर सकते हैं।

व्यावसायिक दक्षता: कोर्स के दौरान विद्यार्थियों को न केवल शिक्षण कौशल सिखाया जाएगा, बल्कि उन्हें विभिन्न शैक्षिक चुनौतियों से निपटने की क्षमता भी विकसित की जाएगी।

शिक्षा का उन्नत स्तर: इस कोर्स के माध्यम से विद्यार्थियों को नई शिक्षा नीति के तहत बनाए गए बेहतर पाठ्यक्रम से सीखने का अवसर मिलेगा।

समग्र शिक्षा: विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ नैतिकता, व्यावसायिकता और नेतृत्व कौशल में भी दक्षता प्राप्त होगी।

नामांकन प्रक्रिया

इस चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के माध्यम से ऑनलाइन नामांकन होगा। विद्यार्थी NTA की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।

यह कोर्स उन विद्यार्थियों के लिए बहुत फायदेमंद होगा जो शुरुआत से ही शिक्षक बनने का सपना देखते हैं और शिक्षा के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं।

बीएड पाठ्यक्रम में बदलाव

नई शिक्षा नीति के तहत, 2030 तक सभी दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम को बंद करने की योजना है और उसकी जगह पर केवल चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स ही चलाए जाएंगे। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और समय की बचत के साथ एक बेहतर शैक्षिक अनुभव प्रदान करना है।इसके साथ ही, बीएड कॉलेजों में नए पाठ्यक्रमों के आने से छात्रों के लिए प्रवेश के अवसर भी बढ़ेंगे, जिससे अधिक से अधिक विद्यार्थियों को शिक्षण के क्षेत्र में कदम रखने का मौका मिलेगा।

नए बीएड कॉलेज जुड़ेंगे वीकेएसयू में

अगले सत्र से वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय (वीकेएसयू) में दो नए बीएड कॉलेज भी जुड़ने जा रहे हैं:

गिरीश नारायण मिश्रा महाविद्यालय (परसथूआ)

कलावती महाविद्यालय (बधलेवा, बक्सर)

इन दोनों कॉलेजों में भी दो वर्षीय बीएड कोर्स शुरू किया जाएगा। इस प्रकार विश्वविद्यालय में बीएड की सीटों की संख्या में भी वृद्धि होगी, जिससे अधिक से अधिक विद्यार्थी इस क्षेत्र में नामांकन कर सकेंगे।

छात्रों को मिलेंगे कई लाभ

जल्दी नौकरी की संभावना: चार वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स करने से विद्यार्थी जल्दी अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेंगे, जिससे उन्हें नौकरी मिलने की संभावना जल्दी होगी।

गहन प्रशिक्षण: चार साल की पढ़ाई के दौरान विद्यार्थियों को एक व्यापक और गहन प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे भविष्य में एक बेहतर शिक्षक बन सकेंगे।

समय और पैसे की बचत: चार वर्षीय कोर्स के माध्यम से विद्यार्थी बीए और बीएड दोनों की पढ़ाई एक साथ पूरी कर सकेंगे, जिससे उनके समय और पैसे दोनों की बचत होगी।

चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स 

चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स छात्रों के लिए एक बेहतरीन अवसर साबित होगा। इसके माध्यम से विद्यार्थी समय की बचत के साथ उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे और एक बेहतर शिक्षक के रूप में अपनी पहचान बना सकेंगे। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय द्वारा इस कोर्स की शुरुआत राज्य के शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो आने वाले समय में शिक्षकों की गुणवत्ता और संख्या में भी वृद्धि करेगा।


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