Bihar Politics: चुनावी समर से पहले NDA का स्ट्रोक ,21 लाख दीदियों के खाते में पहुँचे दस-दस हज़ार, शाम को चुनावी तारीख़ों का ऐलान संभव
Bihar Politics: बिहार की सियासत में आज का दिन बेहद अहम माना जा रहा है। विधानसभा चुनाव की तारीख़ों के ऐलान से ठीक पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा राजनीतिक दांव खेल दिया है। ..

Bihar Politics: बिहार की सियासत में आज का दिन बेहद अहम माना जा रहा है। विधानसभा चुनाव की तारीख़ों के ऐलान से ठीक पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा राजनीतिक दांव खेल दिया है। सोमवार को उन्होंने एक बार फिर ‘महिला सशक्तिकरण’ के नाम पर जनमानस को साधने की कोशिश की। रिमोट का बटन दबाकर नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत 21 लाख जीविका दीदियों के खातों में 10-10 हज़ार रुपये ट्रांसफर किए। यह कदम ऐसे वक्त पर उठाया गया है जब शाम चार बजे भारत निर्वाचन आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा की संभावना है।
कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी समेत बिहार सरकार के कई मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। बताया जा रहा है कि अब तक राज्य की कुल 1 करोड़ 21 लाख महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल चुका है। यह वही योजना है जिसके तहत महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। पहले चरण में 26 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली से रिमोट दबाकर 75 लाख महिलाओं को यह लाभ दिया था। उस मौके पर पीएम मोदी ने कहा था — “बिहार की बेटियों के दो भाई हैं — नीतीश और नरेंद्र — जो उनके सुख-संपन्नता के लिए काम कर रहे हैं।”
इसके बाद 3 अक्टूबर को सीएम नीतीश ने दूसरी किश्त जारी की, जिसमें 25 लाख महिलाओं के खाते में 10-10 हज़ार रुपये पहुँचे। और अब तीसरी किश्त के रूप में 21 लाख दीदियों को यह लाभ मिला है। जाहिर है, यह कार्यक्रम महज़ प्रशासनिक नहीं, बल्कि चुनावी तैयारी का हिस्सा भी माना जा रहा है। क्योंकि जिस दिन शाम को चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहा है, उसी दिन यह आर्थिक सौगात देना एक स्पष्ट राजनीतिक संकेत है।
नीतीश कुमार का यह कदम न केवल महिला वोट बैंक को साधने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है, बल्कि यह भी कहा जा रहा है कि उन्होंने एनडीए की ओर से एक मजबूत "विकास और महिला सशक्तिकरण नैरेटिव" पेश किया है। कार्यक्रम के दौरान नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार सरकार का संकल्प है — “राज्य की महिलाएं शैक्षणिक, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक रूप से मजबूत बनें।”
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत राज्य की हर जीविका दीदी को 10-10 हज़ार रुपये की प्रारंभिक राशि दी जा रही है, ताकि वे अपनी पसंद का रोजगार शुरू कर सकें। बाद में उनके कार्य की समीक्षा कर उन्हें 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी। योजना का उद्देश्य है कि “हर घर की एक महिला आर्थिक रूप से स्वावलंबी बने।”
राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि चुनाव की आहट के बीच नीतीश कुमार ने यह आर्थिक सौगात देकर विपक्ष को बैकफुट पर ला दिया है। दूसरी ओर, शाम चार बजे जब चुनाव आयोग चुनाव की तारीखों का ऐलान करेगा, तब तक बिहार सरकार अपने विकास और महिला केंद्रित नीतिगत फैसलों से माहौल अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिश कर चुकी होगी।
उधर, आज ही सीएम पटना मेट्रो का उद्घाटन करने वाले हैं और मुज़फ्फरपुर में करीब 300 करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन भी करेंगे। यानी चुनावी मौसम के ठीक पहले सत्ता पक्ष हर मोर्चे पर अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहा है।
बिहार की सियासी ज़मीन पर यह कहा जा सकता है कि आज का दिन नीतीश कुमार के लिए राजनीतिक शतरंज का निर्णायक चाल चलने वाला दिन है। शाम तक यह साफ हो जाएगा कि बिहार के चुनावी रण में किसकी रणनीति जनता के दिल में जगह बना पाती है।