Bihar NDA seat sharing: बिहार की राजनीति गरमाई, अमित शाह 27 सितंबर को करेंगे दौरा, सीट शेयरिंग पर होगी लगेगी अंतिम मुहर
Bihar NDA seat sharing: सत्ता पर दोबारा क़ब्ज़ा जमाने की जद्दोजहद में एनडीए घटक दलों के बीच सीट-शेयरिंग को लेकर रस्साकशी अब अंतिम चरण में पहुँच चुकी है।

Bihar NDA seat sharing:बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सियासी गहमागहमी अपने चरम पर है। सत्ता पर दोबारा क़ब्ज़ा जमाने की जद्दोजहद में एनडीए घटक दलों के बीच सीट-शेयरिंग को लेकर रस्साकशी अब अंतिम चरण में पहुँच चुकी है। दिल्ली से लेकर पटना तक लगातार बैठकों और परामर्श का दौर जारी है, वहीं केंद्रीय नेतृत्व की भूमिका भी अहम होती जा रही है। इसी बीच खबर है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दस दिन के भीतर दूसरी बार बिहार आ रहे हैं और 27 सितंबर को उनका दौरा सीट बंटवारे की गुत्थी सुलझा सकता है।
एनडीए के दो बड़े स्तंभ, भाजपा और जेडीयू, इस बार लगभग बराबर हिस्सेदारी की तरफ बढ़ते दिख रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि जेडीयू को 102 और भाजपा को 101 सीटें मिल सकती हैं। हालांकि नीतीश कुमार की पार्टी ने साफ संकेत दिया है कि “बिग ब्रदर” की भूमिका बनाए रखने के लिए उसे भाजपा से कम से कम एक सीट अधिक चाहिए।
चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (आर) ने शुरुआत में 40 सीटों की माँग ठोंकी थी, मगर भाजपा-जेडीयू इसके लिए तैयार नहीं दिखे। ताज़ा बातचीत में लोजपा (आर) को 20 सीटों पर मनाने की कवायद हो रही है। इसके एवज में चुनाव बाद उन्हें एक राज्यसभा सीट और एक एमएलसी सीट दिए जाने की चर्चा तेज़ है।
हम (जीतन राम मांझी) को 10-12 सीटों की पेशकश का फॉर्मूला तैयार है। वहीं उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा को भी 10 सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है। इस बार वीआईपी गठबंधन से बाहर है, लेकिन कुछ अन्य छोटे दलों को शामिल करने पर विचार चल रहा है ताकि चुनावी स्ट्राइक रेट को धार दी जा सके।
साल 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए ने कुल 125 सीटें जीती थीं जिसमें भाजपा को 74, जेडीयू को 43, हम को 4 और वीआईपी को 4 सीटें मिली थीं। यही आँकड़े इस बार की बातचीत में बार-बार सामने रखे जा रहे हैं। एनडीए नेतृत्व चाहता है कि 2025 में कोई ऐसा फार्मूला बने जो गठबंधन को न सिर्फ़ टिकाऊ बनाए बल्कि विजयी मोर्चा भी साबित करे।
भाजपा और जेडीयू के बीच सहमति लगभग बन चुकी है, लेकिन अंतिम मुहर अभी बाकी है।