Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार राजनीति में नया समीकरण, राजद ने पारस को ऑफर किया राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राजद में विलय का प्रस्ताव , सीटों पर जारी खींचतान, आज आपात बैठक में होगा फैसला
Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार की सियासत इन दिनों एक नए राजनीतिक समीकरण के आगाज की चर्चा से गरमाई हुई है। पारस ने अपनी पार्टी का राजद में विलय को लेकर आज आपात बैठक बुलाई है।

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार की सियासत इन दिनों एक नए राजनीतिक समीकरण के आगाज की चर्चा से गरमाई हुई है। राजद ने राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस को अपनी पार्टी में विलय का ऑफर दिया है। इस प्रस्ताव के जवाब में पारस ने रविवार, 12 अक्टूबर को दोपहर 11 बजे पटना में अपनी पार्टी की आपात बैठक बुलाई है। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में तय होगा कि RLJP राजद में विलय करेगा या अपने दम पर विधानसभा चुनाव में उतरेगा, साथ ही यह भी तय होगा कि अगर गठबंधन में रहे तो सीटों का बंटवारा किस आधार पर होगा।
खबरों के अनुसार, पारस ने कुल 8 विधानसभा सीटों की मांग की है, जबकि तेजस्वी यादव केवल 2 सीट देने को तैयार हैं। यही कारण है कि दोनों पक्षों में खींचतान जारी है। पारस चाहते हैं कि उनकी पार्टी को सम्मानजनक हिस्सेदारी मिले, ताकि उनकी राजनीतिक साख बनी रहे।
विशेष रूप से, पारस ने दो सीटें बाहुबली नेता और पूर्व सांसद सूरजभान सिंह के लिए मांगी हैं लखीसराय और मोकामा। वहीं, अपने परिवार के लिए अलौली और राजापाकर सीटों पर उन्होंने अपने बेटे यशराज और भतीजे प्रिंस राज पासवान को मैदान में उतारने की योजना बनाई है।
राजद की ओर से संकेत मिला है कि पार्टी विलय पर तैयार है, लेकिन सीटों का फार्मूला तय करना आसान नहीं होगा। तेजस्वी यादव गठबंधन के भीतर संतुलन बिगाड़ने का जोखिम नहीं लेना चाहते, इसलिए पारस को केवल दो सीटों की पेशकश की गई है।
राज्य की सियासी जानकार मान रहे हैं कि आज की आपात बैठक निर्णायक साबित होगी। अगर पारस राजद में विलय का रास्ता अपनाते हैं, तो यह बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव लेकर आएगा। इससे लोक जनशक्ति परिवार की दो ध्रुवीय राजनीति चिराग पासवान और पारस गुट पर नया असर पड़ेगा और आगामी विधानसभा चुनाव में गठबंधन की रणनीति पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।
इस फैसले के साथ ही यह स्पष्ट हो जाएगा कि बिहार के आगामी चुनाव में राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी का खेल किस दिशा में जाएगा स्वतंत्र रूप से या राजद के साथ मिलकर। जनता और राजनीतिक विश्लेषक दोनों की नजरें इस बैठक पर टिकी हैं।