Bihar Election 2025 : एक दर्जन विधायकों का टिकट काटेगी भाजपा ! पूर्व सांसदों पर बड़ा दांव, बागी तेवर वालों की बढ़ेगी मुसीबत
बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा ऐसे कई विधायकों का टिकट काटने की तैयारी कर चुकी है जिन्हें लेकर पार्टी की रिपोर्ट सही नहीं है. साथ ही टिकट बंटवारे में कुछ पूर्व सांसदों की चांदी हो सकती है.

Bihar Election 2025 : बिहार में भाजपा अपने एक दर्जन से ज़्यादा विधायकों का टिकट काट सकती है। पिछले हफ़्ते केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा आयोजित एक अहम बैठक में यह संकेत मिले थे कि नए चेहरे पार्टी के लिए बेहतर नतीजे ला सकते हैं। कुछ मामलों में, पार्टी राज्य के पूर्व सांसदों को भी टिकट दे सकती है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि शाह के साथ 150 से ज़्यादा सीटों पर टिकट बंटवारे पर चर्चा हुई और चुनाव आयोग द्वारा चुनाव कार्यक्रम प्रकाशित होने के बाद नामों की घोषणा की जाएगी। भाजपा नेताओं ने बताया कि सीमांचल, बेतिया, समस्तीपुर और अररिया की सीटों पर लगभग अंतिम मुहर लग चुकी है। इनमें से कुछ सीटों पर मज़बूत सत्ता विरोधी लहर से निपटने के लिए पार्टी नए चेहरे उतार सकती है।
इससे पहले की बैठकों में, भाजपा नेताओं ने उन 39 सीटों पर विचार-विमर्श किया था जहाँ पिछले विधानसभा चुनावों में जीत-हार का अंतर 10,000 वोटों से कम था। उदाहरण के लिए, आरा, बरहरा, मुंगेर, बेगूसराय, बधवार, हाजीपुर, अमनौर, प्राणपुर और परिहार जैसी सीटों पर भाजपा की जीत का अंतर 5000 वोटों से कम था।
इसके अलावा, 18 से ज़्यादा सीटों पर भाजपा 10,000 वोटों से हारी, जिनमें से 9 से ज़्यादा सीटों पर जीत का अंतर 5000 से कम था। इसमें कल्याणपुर, किशनगंज, सीवान और भागलपुर जैसी सीटें शामिल हैं, जहाँ अंतर लगभग 1000 वोटों का था, और कुरहानी, बखरी और डेहरी जैसी सीटें भी शामिल हैं, जहाँ उसे क्रमशः 712, 777 और 454 वोटों से हार का सामना करना पड़ा।
पूर्व सांसदों को बड़ा जिम्मा
पार्टी अपने कुछ पूर्व और मौजूदा सांसदों को भी मैदान में उतारने पर विचार कर रही है। इसके अतिरिक्त पार्टी अपने कुछ ऐसे नेताओं को जो कथित रूप से 'नाराज' बताए जा रहे हैं उन्हें भी चुनाव में उतार सकती है। इतना ही नहीं ऐसे 'नाराज' नेताओं को मनाने के लिए उन्हें कुछ अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है जबकि उनके कुछ लोगों को भी टिकट वितरण में तरजीह मिलने की संभावना है। यह चुनाव के दौरान पार्टी को किसी प्रकार की बगावत से सीटों के नुकसान से बचाने की एक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
बागियों की मुश्किल
भाजपा उन विधायकों और नेताओं को भी टिकट बंटवारे में किनारा करने की तैयारी में है जिनका हाल के समय में बागी तेवर रहा है। विशेषकर वैसे विधायक जिन्होंने जनवरी 2024 में नीतीश कुमार के पुनः एनडीए में शामिल होने के दौरान बगावती तेवर दिखाए थे। इतना ही नहीं जिन विधायकों की उम्र 75 वर्ष या इसके आसपास होने को है उनके टिकट पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं।