Bihar Seat Sharing: दिल्ली में एनडीए की हाई-वोल्टेज बैठक! अमित शाह और जे.पी. नड्डा के साथ घटक दल तय करेंगे सीट शेयरिंग और उम्मीदवारों की सूची
Bihar Seat Sharing: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एनडीए के शीर्ष नेताओं की दिल्ली में हाई-वोल्टेज बैठक आज होने जा रही है।...

Bihar Seat Sharing: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एनडीए के शीर्ष नेताओं की दिल्ली में हाई-वोल्टेज बैठक आज होने जा रही है। इस बैठक में गठबंधन के सभी घटक दलों के शीर्ष नेता शामिल होंगे। इसमें जीतन राम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा और अन्य सहयोगी नेता मौजूद रहेंगे, जबकि लोजपा प्रमुख चिराग पासवान पहले से दिल्ली में मौजूद हैं।
सूत्रों के मुताबिक, बैठक का मुख्य एजेंडा है सीट शेयरिंग और उम्मीदवारों की अंतिम सूची पर सहमति बनाना। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा भी शामिल होंगे। बिहार बीजेपी के सभी शीर्ष नेता भी बैठक में मौजूद रहेंगे, और सुबह 11 बजे से यह बैठक नड्डा के आवास पर शुरू होगी।
बैठक के दौरान सीटों के मंथन के साथ ही उम्मीदवारों के नाम केंद्रीय चुनाव समिति के सामने रखे जाने की प्रक्रिया पूरी होगी। इससे एनडीए के भीतर सीटों का अंतिम फार्मूला तय होने की संभावना है और इसके बाद आधिकारिक घोषणा भी की जा सकती है।
इसी दिन लोजपा (रामविलास) के केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक भी दिल्ली में आयोजित की जाएगी। इसमें केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, सभी सांसद और संसदीय बोर्ड के सदस्य मौजूद रहेंगे। बैठक का फोकस लोजपा से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की सूची तैयार करना और उम्मीदवारों पर अंतिम मंथन करना होगा।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह बैठक एनडीए के लिए बेहद अहम है क्योंकि बीजेपी और सहयोगी दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर अभी भी कुछ पेच बाकी हैं। लोजपा और अन्य छोटे दलों की मांगों को संतुलित करते हुए, एनडीए नेतृत्व को एक ऐसा फॉर्मूला तैयार करना है जिससे सभी घटक दल संतुष्ट रहें और गठबंधन मैदान में पूरी ताकत के साथ उतर सके।
दिल्ली में आज होने वाली यह दोहरी बैठक भाजपा कोर ग्रुप और लोजपा संसदीय बोर्ड की बिहार की राजनीति में अगले कदम का स्पष्ट संकेत देने वाली है।यदि बैठक सफल रहती है, तो जल्द ही सीट शेयरिंग का ऐलान और उम्मीदवारों की अंतिम सूची बिहार चुनाव 2025 की दिशा तय कर देगी।यानी आज की यह दिल्ली की बैठक एनडीए के लिए चुनावी रणनीति की धुरी साबित होगी, जो गठबंधन की ताकत और उम्मीदवारों की पहचान दोनों तय करेगी।